साइबर मंडे डील: 60% तक की छूट InvestingProसेल को क्लेम करें

एनसीआर के किसानों पर बारिश, बाढ़ का कहर; सब्जियों की कीमतें आसमान पर

प्रकाशित 23/07/2023, 05:16 pm
© Reuters एनसीआर के किसानों पर बारिश, बाढ़ का कहर; सब्जियों की कीमतें आसमान पर
CL
-
NJEc1
-

नोएडा, 23 जुलाई (आईएएनएस)। खाने की थाली की बात की जाए तो उसमें अगर एक तरफ सब्जी होती है तो दूसरी तरफ दाल। उम्दा मसाले नमक तड़का और सलाद। यह सभी चीजें खाने के स्वाद को बढ़ा देती है और खाने वाला खुशमिजाज हो जाता है। लेकिन बीते महीनों से लोगों का मिजाज खराब हो गया है। वजह है बाढ़ और बारिश। बाढ़ और बारिश ने न केवल निचले इलाकों में रहने वाले लोगों की जिंदगी पर असर डाला है बल्कि गगनचुंबी इमारतों में बैठे लोग भी इसकी चपेट में आ चुके हैं और उसकी वजह है बढ़ती महंगाई, सब्जियों, फलों, मसालों, दालों के दाम ने लोगों का जायका और मिजाज बिगाड़ दिया है।बीते 1 महीने में ही सभी के दाम 20 से 40 प्रतिशत तक बढ़ गए हैं। ग्रहणियों के बजट पर पूरी तरीके से ग्रहण लग चुका है। दिल्ली एनसीआर में लगातार बीते दिनों हुई तेज बारिश और उसके बाद आई बाढ़ ने यहां पर सबसे ज्यादा प्रभाव सब्जियों की सप्लाई पर डाला है और यमुना और हिंडन के निचले इलाकों में हो रही सब्जी और अन्य चीजों की खेती पूरी तरीके से बर्बाद हो गई है जिसकी वजह से सब्जियों और फलों के दाम आसमान छूने लगे हैं।

बढ़ती महंगाई और दाम से न सिर्फ सब्जी और फल बल्कि किराने की दुकान में रखा सामान भी लोगों की पहुंच से दूर हो गया है। इसके साथ लोगों के घरों में सामान पहुंचाने वाले कई ऐप पर बाहर मिलने वाले सामान से सब्जियों और फलों के दाम काफी ज्यादा दिखाई दे रहे हैं।

पहले लोगों को लगता था कि एप पर सामान काफी सस्ता मिल जाता है और आराम से घर तक डिलीवर भी हो जाता है। लेकिन सब्जी और फल के दामों को लेकर एप भी लोगों को धोखा देता दिखाई दे रहा है।

बेहद जरूरी चीज सब्जियां और फल आजकल लोगों की पहुंच से काफी दूर चले गए हैं। चाहे लाल टमाटर हो या फिर शिमला मिर्च -- सभी के दाम आसमान छू रहे हैं।

नोएडा की ओर ग्रेटर नोएडा की अगर बात करें तो यहां पर भले ही अब 250 तक पहुंचे हुए टमाटर के दाम लुढ़क कर 100 के आसपास आते दिखाई दे रहे हों लेकिन एप पर यह अभी भी 200 के आसपास बने हुए हैं। अदरक ने तो सबके होश उड़ा दिए हैं। यह 300 रूपए प्रति किलो से नीचे ही नहीं आ रहा।

इसके साथ साथ रोजमर्रा के दिनों में खाई जाने वाली सब्जी तरोई, लौकी, भिंडी, फूल गोभी, शिमला मिर्च, इन सब के दामों में 20 से लेकर 40 फीसद तक बढ़ोतरी हुई है। जिससे यह आम जनता की पहुंच से दूर होती दिखाई दे रही है।

नोएडा के सेक्टर 12 - 22 में सब्जी के थोक विक्रेता मानवेंद्र सिंह बताते हैं कि लगातार सब्जियों के दाम बढ़ रहे हैं और इसकी वजह से ग्राहक कम आ रहे हैं।साथ ही हम बहुत दिनों तक सब्जियों को रख नहीं सकते। इसीलिए सब्जियां खराब भी हो रही हैं। एक तो कम ग्राहक, दूसरा सब्जियों की खराब होने की वजह से दोहरी मार झेलनी पड़ रही है। उन्होंने बताया कि आसपास के जिलों से आने वाली सब्जियां बारिश और बाढ़ के चलते काफी रुक-रुक कर आ रही हैं।

यमुना और हिंडन नदी के आसपास बने खेतों में खेती करके भी किसान दिल्ली एनसीआर में सब्जियों और फलों की आपूर्ति को लगातार बनाए रखते हैं जिसकी वजह से दाम बहुत ज्यादा नहीं बढ़ते। लेकिन बाढ़ की वजह से फसलें चौपट हो गई हैं और सब्जियां सड़ चुकी हैं। इसलिए भी इनके दाम अब आसमान छू रहे हैं। उन्होंने बताया कि तरोई जैसी सब्जी जो 40 से 50 रुपए किलो आराम से बिक जाती थी,अब वह 100 तक पहुंच गई है। लौकी 50 पहुंच गई है और भिंडी 60 से 100 प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई है। अगर आप सब्जियों के ऐप पर इन सब्जियों को खरीदेंगे तो आप पाएंगे कि बाहर लिखे इन रेट से करीब 10 से 20 रुपए ज्यादा ही एप पर चार्ज किए जा रहे हैं।

होलसेल सब्जी विक्रेता का कहना है कि अभी तक एनसीआर और उसके आसपास वाले क्षेत्र से हरी सब्जियों की आवक हो रही थी, मगर महंगाई होने के कारण प्रशासनिक अधिकारियों ने मंडी पदाधिकारियों के साथ बैठक कर दूसरे प्रदेश से सब्जी मंगाने के लिए कहा है। इससे सब्जियों के दाम में अगस्त तक सुधार होने की उम्मीद है। इससे करीब 20 से 30 रुपए तक की गिरावट आ जाएगी।

सब्जियों के साथ साथ मसाले और तेल भी अब पहुंच से दूर होते दिखाई दे रहे हैं। मसालों के दाम भी लगातार बढ़ रहे हैं और खाने का तेल, नमक, चीनी जैसे चीजें भी अब महंगी हो रही हैं।

अगर मसालों की बात की जाए तो प्रति 100 ग्राम के भाव लगातार 10 से 20 प्रतिशत बढ़ रहे हैं। जिनमें हल्दी जिसकी कीमत करीब 30 रुपए हुआ करती थी अब वह 34 रुपए हो गई है। वहीं लाल मिर्च 60 से 66 रुपए, जीरा 90 से 78 और गरम मसाले 100 से 110 पहुंच गए हैं।

इसके साथ ही तेल, नमक, चीनी की बात की जाए तो उनके दाम भी लगातार बड़े ही हैं। सरसों का तेल प्रति लीटर 150 से 165 से 170 रुपए पहुंच गया है। नमक जो 24 रुपए का पैकेट हुआ करता था, वह अब 30 और 35 रुपए का पैकेट हो गया है। चीनी जो 36 से 38 होती थी। अब वह 42 से 45 रुपए के बीच बिक रही है।

परचून विक्रेता रंजीत सिंह बताते हैं कि बीते 2 से 3 महीनों में धीरे-धीरे दाम 20 से 40 प्रतिशत तक बढ़ गए हैं। उन्होंने बताया कि पर पैकेट पर धीरे-धीरे करके कभी 2 तो कभी 5 रुपए दाम बढ़ते रहे।

नोएडा के सेक्टर 93 में रहने वाली वैष्णवी बताती है कि वह बढ़ते दामों को लेकर काफी परेशान है। जिस तेजी से सब्जी और फल के साथ-साथ रोजमर्रा किचन में इस्तेमाल होने वाले मसालों और तेल के दाम बढ़ रहे हैं उससे लगता है कि आने वाले समय में उबला खाना ही खाना पड़ेगा।

उन्होंने बताया कि टमाटर के दाम आसमान छू रहे हैं। इसके लिए अब सब्जी में टमाटर डालना ही बंद कर दिया है। चाय में पढ़ने वाली अदरक ने स्वाद कड़वा कर दिया है। इसलिए अदरक का इस्तेमाल भी कम हो रहा है। इस सीजन में मिलने वाली सब्जी भिंडी, तोरई, लौकी इनके दाम आसमान छू रहे हैं। जिसके चलते हम ग्रहणियों को काफी ज्यादा दिक्कत हो रही है।

--आईएएनएस

पीकेटी/एसकेपी

नवीनतम टिप्पणियाँ

हमारा ऐप इंस्टॉल करें
जोखिम प्रकटीकरण: वित्तीय उपकरण एवं/या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेडिंग में आपके निवेश की राशि के कुछ, या सभी को खोने का जोखिम शामिल है, और सभी निवेशकों के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता है। क्रिप्टो करेंसी की कीमत काफी अस्थिर होती है एवं वित्तीय, नियामक या राजनैतिक घटनाओं जैसे बाहरी कारकों से प्रभावित हो सकती है। मार्जिन पर ट्रेडिंग से वित्तीय जोखिम में वृद्धि होती है।
वित्तीय उपकरण या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेड करने का निर्णय लेने से पहले आपको वित्तीय बाज़ारों में ट्रेडिंग से जुड़े जोखिमों एवं खर्चों की पूरी जानकारी होनी चाहिए, आपको अपने निवेश लक्ष्यों, अनुभव के स्तर एवं जोखिम के परिमाण पर सावधानी से विचार करना चाहिए, एवं जहां आवश्यकता हो वहाँ पेशेवर सलाह लेनी चाहिए।
फ्यूज़न मीडिया आपको याद दिलाना चाहता है कि इस वेबसाइट में मौजूद डेटा पूर्ण रूप से रियल टाइम एवं सटीक नहीं है। वेबसाइट पर मौजूद डेटा और मूल्य पूर्ण रूप से किसी बाज़ार या एक्सचेंज द्वारा नहीं दिए गए हैं, बल्कि बाज़ार निर्माताओं द्वारा भी दिए गए हो सकते हैं, एवं अतः कीमतों का सटीक ना होना एवं किसी भी बाज़ार में असल कीमत से भिन्न होने का अर्थ है कि कीमतें परिचायक हैं एवं ट्रेडिंग उद्देश्यों के लिए उपयुक्त नहीं है। फ्यूज़न मीडिया एवं इस वेबसाइट में दिए गए डेटा का कोई भी प्रदाता आपकी ट्रेडिंग के फलस्वरूप हुए नुकसान या हानि, अथवा इस वेबसाइट में दी गयी जानकारी पर आपके विश्वास के लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं होगा।
फ्यूज़न मीडिया एवं/या डेटा प्रदाता की स्पष्ट पूर्व लिखित अनुमति के बिना इस वेबसाइट में मौजूद डेटा का प्रयोग, संचय, पुनरुत्पादन, प्रदर्शन, संशोधन, प्रेषण या वितरण करना निषिद्ध है। सभी बौद्धिक संपत्ति अधिकार प्रदाताओं एवं/या इस वेबसाइट में मौजूद डेटा प्रदान करने वाले एक्सचेंज द्वारा आरक्षित हैं।
फ्यूज़न मीडिया को विज्ञापनों या विज्ञापनदाताओं के साथ हुई आपकी बातचीत के आधार पर वेबसाइट पर आने वाले विज्ञापनों के लिए मुआवज़ा दिया जा सकता है।
इस समझौते का अंग्रेजी संस्करण मुख्य संस्करण है, जो अंग्रेजी संस्करण और हिंदी संस्करण के बीच विसंगति होने पर प्रभावी होता है।
© 2007-2024 - फ्यूजन मीडिया लिमिटेड सर्वाधिकार सुरक्षित