नई दिल्ली, 2 अगस्त (आईएएनएस)। कमजोर आर्थिक आंकड़ों और अमेरिकी सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग में गिरावट के बीच घरेलू इक्विटी में गिरावट का दबाव देखा गया। ये कहना है मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के रिटेल रिसर्च प्रमुख सिद्धार्थ खेमका का।उन्होंने कहा, “निराशाजनक वैश्विक माहौल को देखते हुए बाजार में नरम रह सकती है। मौजूदा नतीजों के सीजन में बाजार में ऐसी स्थिति जारी रहने की संभावना है।”
निफ्टी बुधवार को नीचे खुला और पूरे सत्र में मुनाफावसूली देखी गई और 219 अंक (-1.1 प्रतिशत) की गिरावट के साथ 19,514 पर बंद हुआ।
भारत का वीआईएक्स यानि अस्थिरता सूचकांक 10 प्रतिशत बढ़ा जो बाजार में अस्थिरता का संकेत देता है। उन्होंने कहा कि बाजार को निफ्टी मिडकैप 100 और स्मॉल कैप 100 में 1 प्रतिशत से अधिक की गिरावट का खामियाजा भुगतना पड़ा।
पीएसयू बैंक, धातु और ऑटो के साथ सभी सेक्टर लाल निशान में बंद हुए।
फिच रेटिंग्स द्वारा अमेरिकी सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग को AAA से घटाकर AA प्लस करने के बाद वैश्विक स्तर पर, भारतीय इक्विटी सहित सभी बाजार दबाव में आ गए।
इसके अलावा, अमेरिका, यूरोजोन और चीन के कमजोर आर्थिक आंकड़ों ने निवेशकों की भावनाओं को कमजोर कर दिया।
हालांकि, जुलाई महीने में मजबूत जीएसटी संग्रह और घरेलू बुनियादी ढांचा आउटपुट डेटा में उछाल ने गिरावट को नियंत्रित रखा।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि कमजोर वैश्विक बाजार रुझानों के चलते भारतीय बाजार में व्यापक क्षेत्रीय गिरावट देखी गई। राजकोषीय चिंताओं पर अमेरिकी रेटिंग में गिरावट के बारे में नकारात्मक खबरों के साथ-साथ यूरोजोन और चीन से कमजोर फैक्ट्री गतिविधि डेटा के कारण दुनिया भर में व्यापक चिंता पैदा हुईं।
उन्होंने कहा, इसके अलावा, अमेरिकी बांड यील्ड में बढ़ोतरी के कारण लंबे समय तक एफआईआई की बिकवाली ने घरेलू बाजार के मूड को बिगाड़ दिया है।
--आईएएनएस
एसकेपी