बेंगलुरु, 2 अगस्त (आईएएनएस)। कर्नाटक उच्च न्यायालय ने बुधवार को एच.डी. रेवन्ना को एक समन जारी किया। रेवन्ना, जद(एस) विधायक और पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौड़ा के पुत्र हैं। राज्य में हाल ही के विधानसभा चुनावों में गड़बड़ी़ को लेकर उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग करने वाली एक याचिका के संबंध में समन जारी किया गया।चुनावी गड़बड़ी़ को लेकरन्यायमूर्ति ज्योति मुलिमानी की अध्यक्षता वाली पीठ ने पराजित उम्मीदवार देवराजे गौड़ा की याचिका पर गौर करते हुए समन जारी किया।
भाजपा उम्मीदवार गौड़ा ने दलील दी थी कि रेवन्ना चुनाव में गड़बड़ी़ करके चुनाव जीतने और विधायक बनने में कामयाब रहे। उन्होंने याचिका में कहा कि रेवन्ना ने मतदाताओं को नकदी और चिकन वितरित किया और उन्हें अपने पक्ष में वोट देने का लालच दिया।
याचिकाकर्ता ने अदालत से कहा कि उसे विजेता घोषित किया जाना चाहिए। देवराजे गौड़ा ने कहा कि चुनाव के पिछले दिन रेवन्ना के सहयोगियों और समर्थकों ने अन्नेनहल्ली, दांडीगनहल्ली में हर घर में दो जीवित मुर्गियां और 3,000 रुपये नकद बांटे थे। मतदाताओं ने वादा किया था कि वे इसके बाद रेवन्ना को ही वोट देंगे।
याचिकाकर्ता ने कहा,जब उसने इस पर सवाल उठाया तो रेवन्ना के समर्थकों ने उनकी कार रोक दी और खिड़कियों के शीशे तोड़ दिए। उन्होंने गाड़ी पर लाठियों और पत्थरों से हमला भी किया था। याचिका में बताया गया कि रेवन्ना के समर्थकों ने बंदूकधारी और निजी सुरक्षाकर्मी पर भी हमला किया। इस संबंध में चन्नरायपट्टण ग्रामीण पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया था।
याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि रेवन्ना ने बैंक जमा के विवरण का भी खुलासा नहीं किया था। याचिकाकर्ता ने कहा, "यह कानून के खिलाफ है और उनकी उम्मीदवारी को शून्य घोषित किया जाना चाहिए।"
होलेनारासिपुरा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने वाले याचिकाकर्ता देवराजे गौड़ा ने तीसरा स्थान हासिल किया और विधानसभा चुनाव में जमानत खो दी। कांग्रेस उम्मीदवार श्रेयस एम पटेल ने रेवन्ना को कड़ी टक्कर दी और 3,152 वोटों से चुनाव हार गए। याचिकाकर्ता देवराजे गौड़ा ने श्रेयस पाटिल पर भी चुनाव के दौरान नियम के उल्लंघन के ऐसे ही आरोप लगाए थे और कोर्ट ने उन्हें भी समन जारी किया था।
पीठ ने मामले को 4 सितंबर तक के लिए स्थगित कर दिया है।
--आईएएनएस
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