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बिटकॉइन घोटाला: एसआईटी ने बेंगलुरु में आरोपियों के आवासों पर की छापेमारी

प्रकाशित 12/09/2023, 09:11 pm
© Reuters.  बिटकॉइन घोटाला: एसआईटी ने बेंगलुरु में आरोपियों के आवासों पर की छापेमारी
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बेंगलुरु, 12 सितंबर (आईएएनएस)। विशेष जांच दल (एसआईटी) के अधिकारी बिटकॉइन घोटाले के सिलसिले में बेंगलुरु में सरगना सहित अन्‍य आरोपियों के आवासों पर छापेमारी कर रहे हैं।

सरगना श्रीकृष्ण रमेश उर्फ श्रीकी के जयनगर स्थित आवास पर छापेमारी चल रही है। बेंगलुरु के सदाशिवनगर इलाके में अन्य आरोपी व्यक्तियों सुनीश हेगड़े और प्रसिद्ध के घरों पर भी छापेमारी की गई।

अधिकारियों ने सोमवार को क्षेत्राधिकार अदालत से तलाशी वारंट प्राप्त किया था और सुबह से ही छापेमारी चल रही है। सूत्रों के मुताबिक, राज्य पुलिस विभाग इस जटिल मामले में इजराइली अधिकारियों की सहायता लेने पर भी विचार कर रहा है।

कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने हाल ही में एक आदेश जारी कर सनसनीखेज बिटकॉइन घोटाले की दोबारा जांच करने का निर्देश दिया था, जिसमें कथित तौर पर राज्य के शीर्ष भाजपा नेता शामिल हैं।

जांच के लिए आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) के तहत एसआईटी का गठन किया जा रहा है। गृह मंत्री जी परमेश्वर ने कहा कि, "हमने पिछली बीजेपी सरकार के दौरान लाखों करोड़ रुपये की हेराफेरी के बारे में चर्चा की थी। अब, हमने दोबारा जांच का आदेश दिया है। सीआईडी के तहत एसआईटी का गठन किया जा रहा है। “उन्होंने कहा, इस घोटाले में तकनीकी, अंतरराज्यीय और अंतरराष्ट्रीय मामले शामिल हैं।"

सूत्र बताते हैं कि बेंगलुरु में सीसीबी पुलिस द्वारा कथित अंतरराष्ट्रीय हैकर श्रीकृष्ण की गिरफ्तारी के बाद बिटकॉइन घोटाला हुआ था। यह आरोप लगाया गया था कि आरोपी हैकर का उपयोग करके, सत्तारूढ़ भाजपा नेताओं ने उसे 2020 में हिरासत में घोटाला करने की अनुमति देकर भारी पैसा कमाया था।

पुलिस ने आरोपी को कथित तौर पर नशीली दवाएं बेचते हुए गिरफ्तार किया था। जांच में पता चला कि आरोपियों ने ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों और सरकारी वेब पोर्टल को हैक करके 11 करोड़ रुपये की हेराफेरी की थी। आरोपियों ने कथित तौर पर पैसे को बिटकॉइन में बदल दिया था और बेंगलुरु में ड्रग तस्करी को अंजाम दिया था।

इससे पहले कांग्रेस के कर्नाटक प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने अपने सिलसिलेवार ट्वीट में बिटकॉइन घोटाले को लेकर भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व के साथ-साथ पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई पर भी हमला बोला था।

“बसवराज बोम्मई की भूमिका और जिम्मेदारी क्या है? (प्रासंगिक समय में प्रभारी गृह मंत्री कौन थे) और राज्य सरकार में अन्य? सुरजेवाला ने सवाल उठाया था, इससे बीजेपी की काफी फजीहत हुई थी।

उन्होंने कहा,"बिटकॉइन घोटाले की परतें आखिरकार खुल रही हैं। भारत के गृह मंत्री और बोम्मई को जवाब देना चाहिए। तत्कालीन कर्नाटक भाजपा सरकार के तहत भारत के सबसे बड़े बिटकॉइन घोटाले की जांच के लिए एफबीआई भारत में है। यदि हां, तो राजनीतिज्ञों सहित जांच और संदिग्धों का विवरण जारी करें।”

सुरजेवाला ने सवाल किया, कितने बिटकॉइन चोरी हुए? और किस मूल्य का? कर्नाटक में कौन शामिल है? क्या चुराए गए बिटकॉइन व्यवस्थित हैकर श्रीकृष्ण के वॉलेट से ट्रांसफर किए गए थे?

सुरजेवाला ने कहा, क्या 'व्हेल अलर्ट' दो तारीखों 1 दिसंबर, 2020 और 14 अप्रैल, 2021 को 5,240 करोड़ रुपये मूल्य के 14,682 चुराए गए बिटफिनेक्स बिटकॉइन के हस्तांतरण को दर्शाता है, जब श्रीकृष्ण हिरासत में थे, क्या इसका कोई संबंध है?

उन्होंने आगे पूछा, इंटरपोल को सूचित क्यों नहीं किया गया? भाजपा सरकार ने इंटरपोल को लिखने के लिए 24 अप्रैल, 2021 तक 5 महीने से अधिक समय तक इंतजार क्यों किया और वह भी 17 अप्रैल, 2021 को श्रीकृष्णा की रिलीज के बाद।

उन्होंने यह भी सवाल किया कि कर्नाटक भाजपा सरकार द्वारा राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए), गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को सूचित क्यों नहीं किया गया?

आरडीपीआर, आईटी और बीटी मंत्री प्रियांक खड़गे ने तब कहा, "मेरा मानना ​​है कि एफबीआई अरबों डॉलर के बिटकॉइन घोटाले की जांच करने के लिए दिल्ली में है। जैसा कि मैंने पहले कहा था, अगर राज्य इस मामले की जांच करता है, तो भाजपा के बिटकॉइन घोटाले की परतें बाहर आ जाएंगी।"

बोम्मई ने बाद में एआईसीसी महासचिव रणदीप सुरजेवाला को घोटाले के संबंध में कोई भी जानकारी प्रस्तुत करने की चुनौती दी थी। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा, "मैंने अपनी तरफ से इस मुद्दे पर विधानसभा में ही जवाब दे दिया है, अगर उनके (रणदीप सुरजेवाला) के पास इस मुद्दे पर कोई जानकारी है तो उन्हें दें। इसके बजाय ट्वीट करना व्यर्थ है।"

सूत्र बताते हैं कि इस मुद्दे पर राष्ट्रीय स्तर पर विवाद छिड़ने की संभावना है।

--आईएएनएस

सीबीटी

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