न्यूयॉर्क, 23 सितंबर (आईएएनएस)। अमेरिकी राज्य कोलोराडो में एक 40 वर्षीय भारतीय नागरिक को मनी लॉन्ड्रिंग की साजिश रचने के आरोप में 10 साल की जेल की सजा सुनाई गई है और क्षतिपूर्ति के रूप में 11,63,947.28 डॉलर का भुगतान करने का आदेश दिया गया है।कोलोराडो जिले के अमेरिकी वकील कार्यालय ने शुक्रवार को बताया कि ध्रुव जनी ने जनवरी 2020 से सरकारी एजेंसियों का डर दिखाकर लोगों से धन उगाही शुरू की।
इस साल 21 सितंबर को अमेरिकी जिला न्यायालय के न्यायाधीश रेमंड पी मूर ने उसे दोषी करार दिया था। जनी को सजा पूरी होने के बाद उसे भारत भेज दिया जाएगा।
सामाजिक सुरक्षा प्रशासन के महानिरीक्षक गेल (NS:GAIL) एस. एनिस ने कहा, ''यह सजा जनी को सामाजिक सुरक्षा और सरकारी योजनाओं के नाम पर दुर्भावनापूर्ण कार्यों के लिए जिम्मेदार ठहराती है।''
मुकदमे के विवरण के अनुसार, उसने पीडि़तों से टेलीफोन पर संपर्क किया और यह विश्वास दिलाया कि संघीय जांच ब्यूरो, सामाजिक सुरक्षा प्रशासन, होमलैंड सुरक्षा विभाग, ट्रेजरी या औषधि प्रवर्तन प्रशासन जैसी संघीय कानून प्रवर्तन अकादमी के "एजेंटों" द्वारा जांच की जा रही है।
पीडि़तों को बताया गया था कि उनकी पहचान एक आपराधिक घटना से जुड़ी हुई है। कानून निदेशक द्वारा उनके अपराधी और/या अमेरिका से निर्वासन का आदेश दिया गया है।
उन्हें बताया गया कि गिरफ्तारी या निर्वासन से बचने का एकमात्र तरीका 'सरकार' को बड़ी नकदी का भुगतान करना है।
फिर 'एजेंट' ने फेडरल एक्सप्रेस या यूनाइटेड पार्सल सर्विस के माध्यम से कथित सरकारी अधिकारियों को नकद भेजने के लिए कहा।इनमें से कई पीडि़तों को दूसरे राज्यों में लोगों को नकद भेजने के लिए भी कहा गया।
अमेरिकी वकील कोल फिगन ने कहा, "हमें अपने बुजुर्गों और कमजोर नागरिकों की रक्षा करनी चाहिए।
"पीड़ितों को डराकर इस प्रतिवादी ने एक योजना बनाई और उनसे 10 लाख डॉलर से ज्यादा की धोखाधड़ी की। इसके लिए, उसे अब फेडरल जेल में सालों तक रहना होगा।"
--आईएएनएस
एकेजे