सनोफी और रेजेनरॉन फार्मास्युटिकल्स दिसंबर के अंत से पहले अपनी दवा डुपिक्सेंट (डुपिलुमाब) के लिए अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) के साथ त्वरित फाइलिंग की तैयारी कर रहे हैं, जो आशाजनक परीक्षण परिणामों के बाद है। डुपिक्सेंट, जो पहले से ही अस्थमा और एटोपिक डर्मेटाइटिस जैसी स्थितियों के इलाज के लिए जाना जाता है, ने अब क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) के इलाज के लिए दूसरे चरण 3 परीक्षण, NOTUS में प्रभावकारिता दिखाई है।
NOTUS परीक्षण ने अपने प्राथमिक समापन बिंदु को पूरा किया, जिससे सीओपीडी एक्ससेर्बेशन में 34% की उल्लेखनीय कमी देखी गई। यह सफलता पहले चरण III BOREAS परीक्षण के परिणामों को दर्शाती है। यूरोपियन मेडिसिन एजेंसी (EMA) वर्तमान में इसी तरह के डेटा की समीक्षा कर रही है। यदि अनुमोदित किया जाता है, तो डुपिक्सेंट सीओपीडी के रोगियों के लिए उपलब्ध पहला जैविक उपचार बन जाएगा, जो बाजार के एक बड़े नए अवसर का प्रतिनिधित्व करता है।
रेजेनरॉन के मुख्य वैज्ञानिक अधिकारी जॉर्ज यानकोपोलोस ने सीओपीडी के इलाज में डुपिक्सेंट के संभावित प्रभाव पर प्रकाश डालते हुए तत्काल एफडीए सबमिशन के लिए तत्परता व्यक्त की। न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ़ मेडिसिन ने इस विकास के महत्व का दस्तावेजीकरण किया है, जो डुपिक्सेंट के बड़े पैमाने पर नए चिकित्सीय क्षेत्र में प्रवेश करने की क्षमता को दर्शाता है।
यह लेख AI के समर्थन से तैयार और अनुवादित किया गया था और एक संपादक द्वारा इसकी समीक्षा की गई थी। अधिक जानकारी के लिए हमारे नियम एवं शर्तें देखें।