न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज (NYSE) में सूचीबद्ध भारतीय तकनीकी दिग्गज इंफोसिस (NS: INFY) और विप्रो (NS: WIPR) (NYSE: WIT) की अमेरिकी डिपॉजिटरी रसीदें (ADR) में गिरावट का रुख रहा है। इस डाउनट्रेंड का श्रेय मुख्य रूप से एक्सेंचर (NYSE: ACN) Plc द्वारा जारी किए गए अप्रभावी विकास मार्गदर्शन को दिया जाता है, जिसने पूरे IT सेवा उद्योग पर छाया डाली है।
उद्योग के समग्र पूर्वानुमान के अलावा, इंफोसिस और एचसीएल टेक्नोलॉजीज (NS: HCLT) ने वित्तीय वर्ष 2024 (FY24) के लिए अपनी-अपनी विकास भविष्यवाणियों में गिरावट की है। टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (NS: TCS) ने भी उद्योग की चिंताओं को बढ़ाते हुए कारोबार की गति को हतोत्साहित करने की सूचना दी है।
निवेशकों को अब इन भारतीय टेक कंपनियों के सितंबर तिमाही के नतीजों का बेसब्री से इंतजार है। परिणाम संभावित रूप से इस क्षेत्र के भविष्य के पथ में और अंतर्दृष्टि प्रदान कर सकते हैं।
मौजूदा बाज़ार परिदृश्य के बावजूद, मॉर्गन स्टेनली (NYSE: MS) आईटी सेक्टर पर आशावादी दृष्टिकोण बनाए हुए हैं। निवेश बैंक ने मार्जिन वृद्धि की संभावनाओं और वित्त वर्ष 25 में कमाई में अपेक्षित सुधार का हवाला देते हुए पूरे समूह के लिए अपना मूल्य लक्ष्य बढ़ा दिया है। आईटी सेवा उद्योग में व्याप्त अनिश्चितता के बीच यह सकारात्मक रुख निवेशकों को कुछ सांत्वना दे सकता है।
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