नई दिल्ली, 21 अक्टूबर (आईएएनएस)। एफपीआई ने अक्टूबर में अपनी बिक्री का सिलसिला जारी रखा और नकद बाजार में बिक्री 16176 करोड़ रुपये से अधिक की बिक्री की । यह बात जिओजित फाइनेंशियल सेवाओं के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार ने कही।
उन्होंने कहा, एफपीआई वित्तीय, बिजली, एफएमसीजी और आईटी जैसे क्षेत्रों में बिकवाली कर रहे हैं। ऑटोमोबाइल और पूंजीगत वस्तुओं में बिकवाली कम रही।
निरंतर बिक्री का प्राथमिक कारण अमेरिकी बांड पैदावार में तेज वृद्धि थी, जो 17 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि एफपीआई की बिक्री बड़ी नहीं है। उन्होंने कहा, इसका मतलब यह है कि जब स्थिति बदलेगी तो पूंजी का बहिर्प्रवाह उलट जाएगा।
एफपीआई निवेश की एक अन्य महत्वपूर्ण विशेषता ऋण बाजार में बढ़ता प्रवाह है। इसके कई कारण हैं। एक, वैश्विक अनिश्चितता और वैश्विक अर्थव्यवस्था में कमजोरी के बीच एफपीआई अपने निवेश में विविधता ला रहा है। भारतीय बांड अच्छा रिजल्ट दे रहे हैं और भारत के स्थिर मैक्रोज़ को देखते हुए आईएनआर स्थिर होने की उम्मीद है।
एक अन्य कारक जेपी मॉर्गन ग्लोबल बॉन्ड इंडेक्स में भारत का शामिल होना है। कुछ एफपीआई प्रमुख खरीदारों द्वारा भारतीय बांड खरीदने पर रोक लगा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सबसे बढ़कर विदेशी निवेशक अब भारत को सबसे अच्छी विकास कहानी के साथ सबसे स्थिर उभरते बाजार के रूप में देखते हैं।
--आईएएनएस
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