नई दिल्ली, 23 अक्टूबर (आईएएनएस)। कांग्रेस ने सोमवार को पश्चिम बंगाल के विश्वभारती में विश्वविद्यालय को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित किए जाने के उपलक्ष्य में लगाई गई पट्टिकाओं पर प्रधानमंत्री व विश्वविद्यालय के कुलाधिपति नरेंद्र मोदी और और उप-कुलपति बिद्युत चक्रवर्ती का नाम होने व इसके संस्थापक रवीन्द्रनाथ टैगोर का कोई उल्लेख नहीं होने पर नरेंद्र मोदी सरकार की आलोचना की।
कांग्रेस महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल ने सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि आज भय, नफरत और विभाजन के मुख्य प्रचारक ने महान शांतिनिकेतन में अपना नाम 'आचार्य' रख लिया है।
एक्स, ट्विटर पर एक पोस्ट में, वेणुगोपाल ने कहा, “रवींद्रनाथ टैगोर ने कहा था, ‘डर से मुक्ति वह स्वतंत्रता है जिसका मैं तुम्हारे लिए दावा करता हूं, मेरी मातृभूमि। आज, भय, घृणा और विभाजन के मुख्य प्रचारक ने महान शांतिनिकेतन में टैगोर को पूरी तरह से हटाकर अपना नाम 'आचार्य' रख लिया है! भ्रम की कोई सीमा नहीं होती।”
इस बीच, कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा, 'नाम बदलने के इस जुनून में शायद प्रधानमंत्री को नार्सिसिज्म का नाम बदलकर मोदीसिज्म करने पर विचार करना चाहिए।'
कांग्रेस महासचिव (संचार) जयराम रमेश ने भी खेड़ा को जवाब देते हुए कहा, “(पंडित जवाहरलाल) नेहरू को मिटाना पर्याप्त नहीं था। अब, रवीन्द्रनाथ टैगोर का उन्मूलन भी शुरू हो गया है।”
शांतिनिकेतन, पश्चिम बंगाल का प्रसिद्ध स्थान जहां कवि और नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर ने एक सदी पहले विश्वभारती का निर्माण किया था, अब यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में है।
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