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खाद्य तेलों के रिकॉर्ड आयात से घरेलू बाजार मूल्य पर दबाव बरकरार

प्रकाशित 27/12/2023, 10:42 pm
खाद्य तेलों के रिकॉर्ड आयात से घरेलू बाजार मूल्य पर दबाव बरकरार

iGrain India - मुंबई। भारत से 2022-23 के मार्केटिंग सीजन (नवम्बर-अक्टूबर) के दौरान खाद्य तेलों का आयात उछलकर सर्वकालीन सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गया। इसका आयात खर्च भी बढ़कर 1.38 लाख करोड़ रुपए पर पहुंचा और इस तरह पेट्रोलियम तथा सोना के बाद खाद्य तेल तीसरा ऐसा उत्पाद रहा जिसके आयात पर सर्वाधिक धनराशी खर्च हुई। साल्वेंट एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया (सी) के कार्यकारी निदेशक के अनुसार 2022-23 के मार्केटिंग सीजन के दौरान देश में खाद्य तेलों का कुल आयात उछलकर 164.66 लाख टन के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुँच गया जो 2021-22 सीजन के आयात 140.29 लाख टन से 17.36 प्रतिशत अधिक था।

कार्यकारी निदेशक के मुताबिक वर्ष 2023 के शुरूआती 11 महीनों में यानी जनवरी से नवम्बर के दौरान देश में 145.29 लाख टन खाद्य तेलों का आयात हुआ जो वर्ष 2022 के इन्ही महीनों के सकल आयात 132.02 लाख टन से 13.27 लाख टन ज्यादा रहा। खाद्य तेलों के घरेलू बाजार भाव को नियंत्रित रखने के लिए सरकार सभी संभव प्रयास कर रही है। इसके फलस्वरूप खाद्य तेलों का दाम घटकर वापस 2021-22 सीजन के स्तर पर आ गया। निर्यातक देशों में दाम घटने से भारत में खाद्य तेलों के आयात में जबरदस्त बढ़ोत्तरी हो गयी।

जून 2023 में सरकार ने रिफाइंड श्रेणी के सोयाबीन तेल एवं सूरजमुखी तेल पर आयात शुल्क को 17.5 प्रतिशत से घटाकर 12.5 प्रतिशत निर्धारित कर दिया। अब सेस सहित कुछ प्रभावी आयात शुल्क 13.75 प्रतिशत बैठ रहा है। क्रूड श्रेणी के खाद्य तेलों पर 5 प्रतिशत का मूल आयात शुल्क और 5.5 प्रतिशत का कुल (सेस सहित) आयात शुल्क लागू है। सरकार के इस कदम का उद्देश्य खाद्य तेलों के दाम में तेजी पर अंकुश लगाना है।

पिछले साल की तुलना में चालू वर्ष के दौरान 20 दिसंबर तक सूरजमुखी तेल के औसत खुदरा शुल्क में 25.5 प्रतिशत, सरसों तेल में 18.2 प्रतिशत, सोया तेल में 17.9 प्रतिशत और पाम तेल के औसत खुदरा मूल्य में 13.7 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी।

वर्ष 2023 के दौरान खाद्य तेलों के आयात मूल्य में भारी कमी आ गयी। आरबीडी पामोलीन का भारत पहुंच मूल्य जनवरी 2023 में 982 डॉलर प्रति टन तथा जो नवम्बर 2023 में घटकर 876 डॉलर प्रति टन रह गया। इसी तरह क्रूड पाम तेल (सीपीओ) का आयात खर्च इस अवधि में 977 डॉलर प्रतिन टन से घटकर 897 डॉलर प्रति टन पर आ गया। इतना ही नहीं बल्कि क्रूड सोया तेल का आयात मूल्य 1285 डॉलर प्रति टन से घटकर 1068 डॉलर प्रति टन तथा क्रूड सूरजमुखी तेल का आयात मूल्य 1295 डॉलर से घटकर 979 डॉलर प्रति टन रह गया।

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