नई दिल्ली, 23 अगस्त (आईएएनएस)। दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार को उस जनहित याचिका (पीआईएल) को खारिज कर दिया जिसमें दिल्ली सरकार को कोचिंग सेंटरों को स्कूलों और कॉलेजों से जोड़ने वाली नीति बनाने के लिए निर्देश देने की मांग की गई थी।मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति संजीव नरूला की खंडपीठ ने कहा कि अदालत के पास ऐसी नीति बनाने के लिए आदेश देने का अधिकार नहीं है।
पीठ ने कहा कि कोचिंग सेंटरों में जाना पसंद का मामला है और यह छात्रों के लिए अनिवार्य नहीं है।
कोर्ट ने कहा कि वह राज्य सरकार को कोचिंग सेंटरों को स्कूल-कॉलेज से जोड़ने और उनके साथ साझेदारी करने के लिए नीति बनाने का निर्देश नहीं दे सकती। पीठ ने कहा, "हमें जनहित याचिका में की गई अपील के अनुसार राहत देने का कोई कारण नहीं मिला। इसे खारिज किया जाता है।"
याचिकाकर्ता गिरीश कुमारी गुप्ता ने देश भर में कोचिंग सेंटरों के प्रसार पर चिंता जताई थी।
गुप्ता ने इन केंद्रों को शैक्षणिक संस्थानों से जोड़ने की सुविधा प्रदान करने वाली नीति तैयार करने का अनुरोध किया था।
दिल्ली सरकार के वकील संतोष कुमार त्रिपाठी ने इस तरह का कानून बनाने के लिए आदेश जारी करने के खिलाफ दलील दी।
त्रिपाठी ने कहा कि जनहित याचिका में मांग के अनुसार कोचिंग सेंटरों और स्कूलों या कॉलेजों के बीच संबंध स्थापित करना ठीत नहीं होगा। कोर्ट ने कहा कि कोचिंग लोग अपनी इच्छा से जाते हैं। किसी भी बच्चे को कोचिंग सेंटरों में जाने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता।"
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