नई दिल्ली, 16 अगस्त (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में इस वर्ष के अंत तक होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर पार्टी के केंद्रीय चुनाव समिति के नेताओं के साथ मिलकर दोनों राज्यों के नेताओं के साथ अलग-अलग बैठक कर विस्तार से महत्वपूर्ण चर्चा की।सूत्रों के मुताबिक, बैठक में खासतौर पर मध्य प्रदेश की उन 125 विधानसभा सीटों और छत्तीसगढ़ की 27 विधानसभा सीटों पर चुनाव जीतने की रणनीति को लेकर विस्तार से चर्चा की गई, जिसे भाजपा अपने लिए कमजोर सीट मानकर चल रही है।
दरअसल, भाजपा ने विधानसभा चुनाव में जीत की संभावना के आधार पर सीटों को ए, बी, सी और डी - चार कैटेगरी में बांट रखा है। पार्टी ने ए और बी कैटेगरी में उन सीटों को शामिल किया है, जहां पार्टी के चुनाव जीतने की संभावना ज्यादा है या पार्टी फाइट में है। वहीं सी और डी कैटेगरी में विधानसभा की उन सीटों को शामिल किया गया है, जहां भाजपा बहुत ही कम अंतर के साथ चुनाव जीती है या जहां कभी भी चुनाव जीत नहीं पाई है।
पार्टी सी और डी कैटेगरी, दोनों में शामिल सीटों को अपने लिए कमजोर मान कर चल रही है और इन्हीं कमजोर सीटों पर चुनाव जीतने की रणनीति तैयार करने के लिए बुधवार को केंद्रीय चुनाव समिति की यह अहम बैठक बुलाई गई थी।
भाजपा ने मध्य प्रदेश में चुनाव हारने वाली 103 सीटों के साथ-साथ 22 ऐसी सीटों को भी कमजोर सीटों की लिस्ट में शामिल किया है, जहां पिछले चुनाव में भाजपा की जीत का अंतर बहुत कम था। आज की बैठक में इन सभी 125 सीटों पर चर्चा की गई है। वहीं छत्तीसगढ़ में भाजपा ने कभी भी जीत नहीं पाने वाले 5 विधानसभा सीटों के साथ ही उन 22 सीटों को भी कमजोर सीटों की लिस्ट में शामिल किया है, जहां भाजपा पिछली बार बहुत कम अंतर से जीती थी या जिन सीटों पर कभी-कभार ही जीत पाई है।
आज की बैठक में छत्तीसगढ़ की इन सभी कमजोर 27 सीटों पर भी चर्चा की गई। प्रधानमंत्री मोदी ने बुधवार को भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में सीईसी में शामिल नेताओं और मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ के नेताओं के साथ अलग-अलग अहम बैठक कर दोनों राज्यों में इस वर्ष के अंत तक होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों के मद्देनजर दोनों राज्यों की कमजोर सीटों पर विस्तार से चर्चा की।
बैठक में कमजोर सीटों पर सीटवार यह चर्चा की गई कि इन सीटों पर कौन-कौन से मुद्दे ज्यादा प्रभावी हैं, स्थानीय स्तर पर किन मुद्दों को उठाने से मतदाताओं के साथ मजबूत संपर्क बनाया जा सकता है और यहां किन-किन नेताओं को चुनाव की तैयारी करने को कहा जा सकता है।
बताया जा रहा है कि इन कमजोर सीटों पर जल्द ही उम्मीदवारों के नाम का एक पैनल बनाने का फैसला कर पार्टी वरिष्ठ नेताओं के जरिए उन्हें क्षेत्र में जुट जाने का निर्देश भी दे सकती है।
भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की अध्यक्षता और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में पार्टी मुख्यालय में हुए केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में पार्टी के केंद्रीय चुनाव समिति में शामिल केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, राजनाथ सिंह, भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महासचिव बीएल संतोष, केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, ओम प्रकाश माथुर, सत्यनारायण जटिया,सुधा यादव, डॉ के लक्ष्मण, इकबाल सिंह लालपुरा और वानाती श्रीनिवासन शामिल हुए।
भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति में शामिल केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव मध्य प्रदेश के और ओम प्रकाश माथुर छत्तीसगढ़ के प्रदेश चुनाव प्रभारी भी हैं। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर हुई भाजपा सीईसी की बैठक में पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति में शामिल नेताओं के अलावा मध्य प्रदेश के चुनाव प्रभारी एवं केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव, प्रदेश के सह चुनाव प्रभारी एवं केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव, मध्य प्रदेश चुनाव प्रबंधन समिति के संयोजक एवं केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर,मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, एमपी के प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा और केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते सहित मध्य प्रदेश भाजपा कोर ग्रुप के कई अन्य नेता भी शामिल हुए।
वहीं छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर हुई भाजपा सीईसी की बैठक में पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति में शामिल नेताओं के अलावा छत्तीसगढ़ के प्रदेश चुनाव प्रभारी ओम प्रकाश माथुर, सह चुनाव प्रभारी एवं केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया, सह प्रभारी नितिन नवीन, राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह, छत्तीसगढ़ प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव और राज्य में विपक्ष के नेता नारायण चंदेल सहित प्रदेश से जुड़े कई अन्य वरिष्ठ नेता भी मौजूद रहे।
सामान्य तौर पर भाजपा अपने केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक विधानसभा और लोकसभा चुनाव के उम्मीदवारों के नाम पर विचार विमर्श करने के लिए ही बुलाती रही है। इस तरह की बैठक आम तौर पर चुनाव आयोग द्वारा चुनाव की तारीखों की घोषणा करने के बाद ही बुलाई जाती रही है, लेकिन इस बार पार्टी ने सीईसी की यह बैठक ऐसे समय में बुलाई है, जब किसी भी राज्य में चुनावी कार्यक्रम या यूं कहे कि चुनाव की तारीखों की घोषणा नहीं हुई है।
मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए अभी 2 से 3 महीने के लगभग का वक्त बचा हुआ है। बताया जा रहा है कि पार्टी इस वर्ष के अंत तक मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और तेलंगाना में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर कोई रिस्क नहीं लेना चाहती, इसलिए पार्टी ने 2018 में आए नतीजों से सबक लेते हुए पहले से ही तैयारी शुरू कर दी है।
पार्टी मजबूत सीटों के साथ-साथ कमजोर सीटों पर भी खास तवज्जो दे रही है, ताकि चुनावी कार्यक्रम शुरू होने के समय भाजपा के उम्मीदवार कांग्रेस उम्मीदवारों की तुलना में प्रचार और जनसंपर्क के मामले में काफी आगे रहे और शुरुआत से ही बढ़त बना सके।
--आईएएनएस
एसटीपी/एसजीके