कोलकाता, 1 जनवरी (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य के निवर्तमान मुख्य सचिव एच.के. द्विवेदी को उनकी सेवानिवृत्ति के ठीक एक दिन बाद सेवानिवृत्ति का तोहफा दिया।छह महीने के कार्यकाल विस्तार के बाद रविवार को सेवानिवृत्त हुए द्विवेदी को तत्कालीन गृह सचिव बी.पी. ओपेलिका द्वारा मुख्य सचिव के रूप में प्रतिस्थापित किया गया।
हालांकि, सोमवार को उन्हें मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का मुख्य वित्तीय सलाहकार बना दिया गया।
राज्य सचिवालय के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि द्विवेदी के पास वित्तीय मामलों को कुशलतापूर्वक संभालने का अनुभव है, क्योंकि वह एक विस्तारित अवधि के लिए राज्य के वित्त विभाग में अतिरिक्त मुख्य सचिव थे।
राज्य सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “मुख्यमंत्री राज्य के वित्तीय मामलों को संभालने में अपने अनुभव और विशेषज्ञता का उपयोग करने के लिए उन्हें मुख्य वित्तीय सलाहकार के रूप में बनाए रखने की इच्छुक थीं।”
यह पहली बार नहीं है कि मुख्यमंत्री ने शीर्ष नौकरशाहों को उनकी सेवानिवृत्ति के बाद सलाहकार पदों पर बनाए रखने का विकल्प चुना है।
इससे पहले द्विवेदी के पूर्ववर्ती अल्पन बंद्योपाध्याय को मुख्य सचिव के पद से सेवानिवृत्ति के बाद मुख्यमंत्री ने अपने प्रमुख सलाहकार के रूप में उनकी सेवा बरकरार रखी थी।
हालांकि, विपक्ष ने सेवानिवृत्त नौकरशाहों को उनकी सेवानिवृत्ति के बाद मोटी परिलब्धियों के साथ बनाए रखने की इस प्रणाली की आलोचना की है।
सीपीआई (एम) केंद्रीय समिति के सदस्य सुजन चक्रवर्ती ने कहा, “इन नौकरशाहों को सत्तारूढ़ दल के प्रति उनकी आज्ञाकारिता के लिए उपहार दिया जा रहा है। यह ऐसे समय में हो रहा है, जब करोड़ों रुपये के बदले वैध नौकरी पाने से वंचित रहे सैकड़ों उम्मीदवार राज्य सरकार के खिलाफ सड़कों पर आंदोलन कर रहे हैं। मुख्यमंत्री को इस मामले पर अपना रुख स्पष्ट करना होगा।”
--आईएएनएस
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