कर्नाटक, 12 जुलाई (आईएएनएस)। महर्षि वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति विकास निगम घोटाले की जांच कर रही एसआईटी हैदराबाद के एक कार डीलर से 3.3 करोड़ रुपये वसूलने की तैयारी में है। एसआईटी इस रकम को इसलिए रिकवर करने की कोशिश में है, क्योंकि यह पैसा महर्षि वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति निगम का है।एसआईटी ने 13 जून को हैदराबाद से सत्यनारायण वर्मा (36) को गिरफ्तार किया। पुलिस ने उसके कब्जे से एक बड़ी रकम जब्त की, जो कथित तौर पर वाल्मीकि निगम की है। पुलिस के अनुसार सत्यनारायण वर्मा पूरे घोटाले में बिचौलिया है। उसकी भूमिका इसमें शामिल लोगों के अलग-अलग खातों में पैसे जमा कराने की थी।
पुलिस ने आरोपी के कब्जे से एक लेम्बोर्गिनी भी बरामद की है। इस कार को वर्मा ने हैदराबाद में एक डीलर से 3.3 करोड़ रुपये में खरीदी थी।
पुलिस ने जांच के बाद कार को डीलर के पास वापस करने और भुगतान की गई राशि को अदालत के खाते में स्थानांतरित करने के लिए कोर्ट का रुख किया है। पुलिस सूत्रों की मानें तो कोर्ट की अनुमति के बाद डीलर को कार सौंप दी जाएगी और 3.3 करोड़ की राशि वापस ले ली जाएगी।
बता दें कि महर्षि वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति विकास निगम घोटाले की जांच के लिए प्रदेश सरकार ने एसआईटी गठित की है। इस मामले में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की ओर से एफआईआर दर्ज कराई गई। अब इस मामले में एसआईटी, सीबीआई और ईडी जांच कर रही है।
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