साइबर मंडे डील: 60% तक की छूट InvestingProसेल को क्लेम करें

उच्च शिक्षा के अंतर्राष्ट्रीयकरण को प्रभावित करेंगे नव शीत युद्ध, जलवायु, चीन, संचार और सहयोग: फिलिप अल्टबैक, बोस्टन कॉलेज

प्रकाशित 22/02/2024, 06:40 pm
© Reuters.  उच्च शिक्षा के अंतर्राष्ट्रीयकरण को प्रभावित करेंगे नव शीत युद्ध, जलवायु, चीन, संचार और सहयोग: फिलिप अल्टबैक, बोस्टन कॉलेज

सोनीपत, 22 फरवरी (आईएएनएस)। ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी में इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर हायर एजुकेशन रिसर्च एंड कैपेसिटी बिल्डिंग द्वारा आयोजित तीन दिवसीय वैश्विक विश्वविद्यालय शिखर सम्मेलन बुधवार को ऑन-साइट हायर एजुकेशन लीडर्स कॉन्क्लेव के साथ संपन्न हुआ।कॉन्क्लेव में दिल्ली-एनसीआर, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपतियों, डीन और विभागाध्यक्षों सहित 100 से अधिक विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

अमेरिका के बोस्टन कॉलेज में सेंटर फॉर इंटरनेशनल हायर एजुकेशन के प्रोफेसर और संस्थापक निदेशक प्रो. फिलिप अल्टबैक ने मुख्य भाषण दिया।

उन्होंने अंतर्राष्ट्रीयकरण के संकट और छह 'सी' के बारे में बात की: यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के साथ शुरू हुआ नव शीत युद्ध, कोविड से उत्पन्न आवागमन की चुनौतियां, जलवायु परिवर्तन, क्षेत्रीय उच्च शिक्षा केंद्र के रूप में चीन का उदय और संचार तथा सहयोग के नए तरीके - विशेष रूप से आईटी और एआई के साथ जो आगे चलकर उच्च शिक्षा के अंतर्राष्ट्रीयकरण को प्रभावित करेगा।

उन्होंने इस तथ्य पर जोर दिया कि भारत को यह सोचने की जरूरत है कि भारतीय उच्च शिक्षा संस्थान इस बदलते भू-राजनीतिक और सामाजिक-आर्थिक संदर्भ में कैसे कार्य करेंगे।

उन्होंने सभी छात्रों के लिए अंतर्राष्ट्रीयकरण तक पहुंच बढ़ाने और जलवायु परिवर्तन पर भौतिक अंतर्राष्ट्रीय आवागमन के प्रभाव को कम करने के लिए पाठ्यक्रम का अंतर्राष्ट्रीयकरण करके "घर पर अंतर्राष्ट्रीयकरण" के महत्व पर प्रकाश डाला।

अल्टबैक ने कहा: “मेरे लिए अनुसंधान सहयोग महत्वपूर्ण है और यहीं पर भारत काफी संभावनाएं प्रदान करता है। देश में लगभग 20 पश्चिमी विश्वविद्यालय हैं जिनके अनुसंधान कार्यालय और देश में सहयोग हैं। मुझे लगता है कि इसे प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। यह भारतीय विश्वविद्यालयों के लिए बहुत उपयोगी है।''

उन्होंने आगे सलाह दी, "शाखा परिसरों के बारे में न सोचें बल्कि उन देशों के साथ अनुसंधान सहयोग करें जिनके साथ भारत के अफ्रीका, मध्य पूर्व आदि जैसे सॉफ्ट-पावर हित हैं।"

कॉन्क्लेव के दौरान ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी के संस्थापक कुलपति प्रो. सी. राज कुमार ने लोगों को वर्चुअल मोड में आयोजित चौथे वैश्विक विश्वविद्यालय शिखर सम्मेलन के पहले दो दिन की कार्यवाही के बारे में बताते हुए दर्शकों का स्वागत किया। उन्होंने बताया कि इस दौरान 25 थीम आधारित सत्रों में 20 देशों और छह महाद्वीपों से शिक्षा क्षेत्र की 225 से अधिक अग्रणी हस्तियों ने भाग लिया।

उन्होंने पिछले 15 साल की अपनी पेशेवर यात्रा पर विचार करते हुए 15 साल पहले ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी से लेकर शिखर सम्मेलन के आयोजन तक की विनम्र यात्रा के बारे में बताया।

एमआईसीए संस्थान, अहमदाबाद में नवाचार और उद्यमिता के अध्यक्ष प्रो. शैलेन्द्र आर. मेहता ने अपने उद्घाटन भाषण में 600 ईसा पूर्व और 1,200 ईस्वी के बीच भारत में विश्वविद्यालय की उत्पत्ति और विकास पर अपने दशक भर के शोध के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि मध्य एशिया, मध्य पूर्व और यूरोप (यरूशलेम के माध्यम से) में इनका संचरण कैसे हुआ और इसने ऑक्सफोर्ड तथा पेरिस सहित यूरोपीय विश्वविद्यालयों की स्थापना को कैसे प्रभावित किया।

मेहता इस वर्ष के अंत में एक डिस्टिंग्विश्ड यूनिवर्सिटी प्रोफेसर के रूप में ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी से जुड़ रहे हैं जहाँ वे अपने शोध को पुस्तक का रूप देंगे।

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशनल प्लानिंग एंड एडमिनिस्ट्रेशन (एनआईईपीए), नई दिल्ली के पूर्व कुलपति प्रो. एन.वी. वर्गीस ने भी कॉन्क्लेव में एक विशेष भाषण दिया।

वर्गीस ने अपने भाषण में "उच्च शिक्षा के व्यापकीकरण के साथ उच्च शिक्षा के विविध उद्देश्यों" की चुनौतियों पर प्रकाश डाला और बताया कि कैसे उच्च शिक्षा में निजी क्षेत्र के विकास के साथ "लेबल और क्रेडेंशियल" महत्वपूर्ण होते जा रहे हैं।

उन्होंने आगे कहा: "बाज़ार-अनुकूल सुधार बहुत महत्वपूर्ण हैं, लेकिन बाज़ार अक्सर लोगों के अनुकूल नहीं होते हैं। इसलिए, भविष्य के लिए चुनौती यह है कि हम उच्च शिक्षा के क्षेत्र में बाज़ारों को लोगों के अनुकूल कैसे बनाते हैं।"

सम्मेलन का समापन गोलमेज चर्चा के साथ हुआ।

दर्शकों के रूप में उपस्थित कई कुलपतियों, संकाय सदस्यों और छात्रों ने चौथे वैश्विक विश्वविद्यालय शिखर सम्मेलन के व्यापक विषय - "भविष्य के विश्वविद्यालय: सामाजिक न्याय और सतत विकास के लिए एक वैश्विक साझेदारी" पर विचार करने के लिए प्रोफेसर फिलिप अल्टबैक के साथ इस चर्चा में भाग लिया।”

--आईएएनएस

एकेजे/

नवीनतम टिप्पणियाँ

हमारा ऐप इंस्टॉल करें
जोखिम प्रकटीकरण: वित्तीय उपकरण एवं/या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेडिंग में आपके निवेश की राशि के कुछ, या सभी को खोने का जोखिम शामिल है, और सभी निवेशकों के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता है। क्रिप्टो करेंसी की कीमत काफी अस्थिर होती है एवं वित्तीय, नियामक या राजनैतिक घटनाओं जैसे बाहरी कारकों से प्रभावित हो सकती है। मार्जिन पर ट्रेडिंग से वित्तीय जोखिम में वृद्धि होती है।
वित्तीय उपकरण या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेड करने का निर्णय लेने से पहले आपको वित्तीय बाज़ारों में ट्रेडिंग से जुड़े जोखिमों एवं खर्चों की पूरी जानकारी होनी चाहिए, आपको अपने निवेश लक्ष्यों, अनुभव के स्तर एवं जोखिम के परिमाण पर सावधानी से विचार करना चाहिए, एवं जहां आवश्यकता हो वहाँ पेशेवर सलाह लेनी चाहिए।
फ्यूज़न मीडिया आपको याद दिलाना चाहता है कि इस वेबसाइट में मौजूद डेटा पूर्ण रूप से रियल टाइम एवं सटीक नहीं है। वेबसाइट पर मौजूद डेटा और मूल्य पूर्ण रूप से किसी बाज़ार या एक्सचेंज द्वारा नहीं दिए गए हैं, बल्कि बाज़ार निर्माताओं द्वारा भी दिए गए हो सकते हैं, एवं अतः कीमतों का सटीक ना होना एवं किसी भी बाज़ार में असल कीमत से भिन्न होने का अर्थ है कि कीमतें परिचायक हैं एवं ट्रेडिंग उद्देश्यों के लिए उपयुक्त नहीं है। फ्यूज़न मीडिया एवं इस वेबसाइट में दिए गए डेटा का कोई भी प्रदाता आपकी ट्रेडिंग के फलस्वरूप हुए नुकसान या हानि, अथवा इस वेबसाइट में दी गयी जानकारी पर आपके विश्वास के लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं होगा।
फ्यूज़न मीडिया एवं/या डेटा प्रदाता की स्पष्ट पूर्व लिखित अनुमति के बिना इस वेबसाइट में मौजूद डेटा का प्रयोग, संचय, पुनरुत्पादन, प्रदर्शन, संशोधन, प्रेषण या वितरण करना निषिद्ध है। सभी बौद्धिक संपत्ति अधिकार प्रदाताओं एवं/या इस वेबसाइट में मौजूद डेटा प्रदान करने वाले एक्सचेंज द्वारा आरक्षित हैं।
फ्यूज़न मीडिया को विज्ञापनों या विज्ञापनदाताओं के साथ हुई आपकी बातचीत के आधार पर वेबसाइट पर आने वाले विज्ञापनों के लिए मुआवज़ा दिया जा सकता है।
इस समझौते का अंग्रेजी संस्करण मुख्य संस्करण है, जो अंग्रेजी संस्करण और हिंदी संस्करण के बीच विसंगति होने पर प्रभावी होता है।
© 2007-2024 - फ्यूजन मीडिया लिमिटेड सर्वाधिकार सुरक्षित