iGrain India - शिकागो । संसार के प्रमुख उत्पादक एवं निर्यातक देशों में मौसम की हालत पूरी तरह अनुकूल नहीं होने से इस वर्ष गेहूं की पैदावार और उपज के साथ-साथ क्वालिटी भी प्रभावित हो रही है।
यूक्रेन में खराब मौसम के कारण गेहूं की करीब 40 प्रतिशत फसल की क्वालिटी कमजोर रहने का अनुमान है जिससे मिलिंग ग्रेड का उत्पादन काफी घट जाएगा।
उधर फ्रांस सहित अन्य समीपवर्ती देशों में पिछले कुछ दिनों से रुक-रुक कर हो रही वर्षा के कारण न केवल गेहूं फसल की कटाई-तैयारी पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है बल्कि दाने की गुणवत्ता भी प्रभावित हो रही है।
उल्लेखनीय है कि फ्रांस यूरोपीय संघ में गेहूं का सबसे प्रमुख उत्पादक एवं निर्यातक देश है जबकि जर्मनी दूसरे नम्बर पर है। इन दोनों देशों में गेहूं फसल की कटाई में देर हो रही है।
अमरीका और कनाडा में शुष्क एवं गर्म मौसम से गेहूं की फसल को नुकसान होने की सूचना मिल रही है। यूक्रेन एवं फ्रांस की भांति इन दोनों देशों में गेहूं में प्रोटीन का अंश घटने की संभावना है जिससे वह मिलिंग ग्रेड से बाहर निकलकर फीड ग्रेड में आ सकता है।
अर्जेन्टीना में मौसम गर्म एवं शुष्क बना हुआ है जबकि ऑस्ट्रेलिया में इसकी फसल को अलनीनो से खतरा होने की आशंका है। सबसे बड़े निर्यातक देश- रूस में गेहूं का उत्पादन गत वर्ष के रिकॉर्ड स्तर से घटकर इस बार काफी नीचे आने की संभावना है।
उपरोक्त देशों का गेहूं के वैश्विक निर्यात बाजार में 90 प्रतिशत से अधिक का योगदान रहता है। यदि वहां क्वालिटी कमजोर रही तो अंतर्राष्ट्रीय बाजार में मिलिंग ग्रेड के गेहूं की आपूर्ति एवं उपलब्धता काफी घट जाएगी और फिर कीमतों में तेजी का माहौल बन सकता है।
यूक्रेन से गेहूं के निर्यात में अनिश्चितता बनी हुई है क्योंकि रूस ने उसके साथ करार भंग कर दिया है और काला सागर क्षेत्र से इसका शिपमेंट भी बंद करवा दिया है। वैसे रूस में गेहूं का विशाल पिछला बकाया स्टॉक मौजूद है जिससे उसे इसका निर्यात बढ़ाने का अच्छा अवसर प्राप्त हो सकता है।