पटना, 9 फरवरी (आईएएनएस)। बिहार में 28 जनवरी को बनी एनडीए सरकार को 12 फरवरी को फ्लोर टेस्ट पास करना है। राजद के 'खेला होने' के दावे के बीच करीब सभी दल सतर्क हैं और अपने विधायकों को सहेजने में जुटे हैं। बिहार में 12 फरवरी को लेकर सियासी पारा भी उबाल पर है। किसी भी दल के नेता इस मसले पर खुलकर नहीं बोल रहे हैं, लेकिन सभी दल अपने विधायकों को सहेजने में जुटे हैं। महागठबंधन में शामिल कांग्रेस ने अपने 19 विधायकों में से 16 विधायकों को पहले ही हैदराबाद में शिफ्ट कर दिया है। सत्ताधारी जदयू भी अपने विधायकों पर नज़र बनाए हुए है। जदयू ने तो साफ कर दिया है कि उनके विधायकों को प्रलोभन दिया जा रहा है। ऐसे में जदयू सशंकित है।
जदयू ने फ्लोर टेस्ट के पहले 11 फरवरी को विधानमंडल दल की बैठक बुलाई है। सूत्रों का कहना है कि जदयू के विधायकों को पटना बुलाया गया है। जदयू के एक नेता बताते हैं कि शनिवार दोपहर नीतीश कुमार के करीबी मंत्री श्रवण कुमार के आवास पर दोपहर के भोजन के लिए भी सभी विधायकों को आमंत्रित किया गया है।
कहा जा रहा है यहां विधायक ना सिर्फ भोजन का लुत्फ उठाएंगे बल्कि विश्वास मत को लेकर रणनीति भी बनेगी।
सरकार में शामिल भाजपा भी अपने विधायकों पर निगाह बनाए हुए है। भाजपा ने इस दौरान विधायकों के लिए बोध गया में दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया है।
बताया जाता है कि शनिवार और रविवार को आयोजित इस कार्यशाला को गृह मंत्री अमित शाह भी वर्चुअली संबोधित करेंगे। भाजपा के नेता कहते हैं कि यह कार्यशाला पहले से तय थी।
सरकार में शामिल हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रमुख जीतन राम मांझी ने शुक्रवार को साफ कर दिया है कि वे एनडीए के साथ बने हुए हैं।
जदयू के प्रवक्ता नीरज कुमार कहते हैं कि राजद बेकार बेचैन है, उसकी बेचैनी का कोई उपाय नहीं है। 12 को सरकार विश्वास मत भी प्राप्त कर लेगी।
उल्लेखनीय है कि 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में बहुमत के लिए 122 विधायकों की आवश्यकता है। वर्तमान नीतीश सरकार के पास 128 विधायकों का समर्थन प्राप्त है।
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