श्रीनगर, 4 नवंबर (आईएएनएस)। जम्मू एवं कश्मीर विधानसभा का पांच दिवसीय सत्र सोमवार सुबह उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के अभिभाषण के साथ शुरू होने जा रहा है। विधानसभा सत्र के दौरान पार्टी की रणनीति तय करने के मद्देनजर रविवार को मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की अध्यक्षता में सत्तारूढ़ नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के नेताओं की बैठक हुई।
नेशनल कांफ्रेंस द्वारा पार्टी के वरिष्ठ नेता और बडगाम जिले के चरार-ए-शरीफ निर्वाचन क्षेत्र से विधायक अब्दुल रहीम राथर को विधानसभा अध्यक्ष का उम्मीदवार बनाया गया है।
भाजपा ने पहले ही किश्तवाड़ के पडर-नागसेनी निर्वाचन क्षेत्र से विधायक सुनील शर्मा को विधानसभा में विपक्ष का नेता और नरेंद्र सिंह को विधानसभा उपाध्यक्ष पद के लिए पार्टी का उम्मीदवार घोषित किया है।
कांग्रेस पार्टी के विधायकों ने पहले अलग-अलग बैठक की और फिर साझा रणनीति बनाने के लिए एनसी नेताओं के साथ बैठक की।
पार्टी प्रवक्ता और श्रीनगर जिले के जदीबल निर्वाचन क्षेत्र से विधायक तनवीर सादिक ने संवाददाताओं को बताया कि नेशनल कांफ्रेंस ने अनुच्छेद 370 की बहाली के लिए जम्मू-कश्मीर विधानसभा के मौजूदा सत्र में प्रस्ताव लाने का फैसला किया है।
दिलचस्प बात यह है कि कांग्रेस जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए समर्थन देने के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन अगर नेशनल कॉन्फ्रेंस इस सत्र में अनुच्छेद 370 की बहाली का प्रस्ताव लाने का फैसला करती है, तो उसके विधायकों द्वारा इसका समर्थन करने की संभावना नहीं है।
नेशनल कॉन्फ्रेंस ने राज्य का दर्जा बहाल करने और अनुच्छेद 370 को अपना मुख्य चुनावी मुद्दा बनाया था। हालांकि जम्मू-कश्मीर विधानसभा द्वारा अनुच्छेद 370 की बहाली के लिए प्रस्ताव पारित करने से इस मुद्दे पर भारतीय संसद की सर्वोच्चता पर कोई असर नहीं पड़ेगा, लेकिन नेशनल कॉन्फ्रेंस की रणनीति का मूल उद्देश्य एक तरफ केंद्र पर दबाव बनाना और दूसरी तरफ मतदाताओं को यह साबित करना है कि पार्टी अपने चुनावी वादों पर कायम है।
एनसी के पास विधानसभा में 42 सीटें हैं, भाजपा के पास 28 (विधायक देवेंद्र सिंह राणा की मृत्यु के कारण एक सीट रिक्त हुई है), कांग्रेस के पास 6, पीडीपी के पास 3, सीपीआई-एम के पास 1, आम आदमी पार्टी (आप) के पास 1, पीपुल्स कॉन्फ्रेंस (पीसी) के पास 1 और निर्दलीय 7 हैं।
--आईएएनएस
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