लखनऊ, 18 अगस्त (आईएएनएस)। ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मौलाना यासूब अब्बास ने रविवार को कहा कि यदि देश में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू की जाती है तो बोर्ड उसका पुरजोर विरोध करेगा।मौलाना यासूब अब्बास ने कहा, "हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'सबका साथ, सबका विकास' की बात कही है। यह बहुत अफसोस की बात है कि ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के किसी भी सदस्य से इस मुद्दे पर बात नहीं की गई। अगर यह कानून आता है तो हम बैठक करेंगे और तय करेंगे कि हम इसके अंदर क्या कर सकते हैं।"
उन्होंने कहा कि इस समय हमारा देश गरीबी, बदहाली और लाचारी का शिकार है। इस समय देश के लोगों को समान नागरिक संहिता की नहीं, गरीबी से ऊपर उठाने की जरूरत है। इस समय इस बात पर चर्चा होनी चाहिए कि देश को अशिक्षा से कैसे ऊपर उठाया जाए। हमारा देश एक गुलदस्ते की तरह है। उन्होंने कहा, "अगर देश में समान नागरिक संहिता लागू की गई तो ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड इसका पुरजोर विरोध करेगा।"
उल्लेखनीय है कि 78वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से पीएम मोदी ने एक धर्मनिरपेक्ष सिविल कोड को समय की मांग बताया था। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट भी बार-बार समान नागरिक संहिता पर चर्चा कर रहा है। उसने कई बार आदेश भी दिए हैं।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा था, "मैं चाहता हूं कि इस गंभीर विषय पर व्यापक चर्चा हो, सभी अपने विचार लेकर आएं। जो कानून देश को धर्म के आधार पर बांटता है, समाज में भेदभाव की वजह बनता है, ऐसे कानून का समाज में कोई स्थान नहीं है। और इसलिए मैं कहूंगा और समाज की मांग है कि देश में समान नागरिक संहिता होनी चाहिए।"
--आईएएनएस
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