नयी दिल्ली , 5 मई (आईएएनएस)। मेटावर्स से जुड़ी चर्चाओं के बीच भारत सहित दुनिया भर के करीब 64 प्रतिशत उपभोक्ताओं ने बीते एक साल में वर्चुअल उत्पादों की खरीद की या वर्चुअल वर्ल्ड का अनुभव लिया।एक्सेंचर की गुरुवार को जारी नई रिपोर्ट के अनुसार, इन उपभोक्तओं का आंकड़ा जल्द ही बढ़कर 83 प्रतिशत हो जायेगा। अधिकतर उपभोक्ता अब मेटावर्स में खरीदारी करने में रूचि ले रहे हैं।
भारत सहित दुनिया भर के प्रतिभागियों में से 42 प्रतिशत ने कहा कि वे किसी वस्तु की खरीद के लिये वर्चुअल दुनिया में रिटेलर के पास या तो सलाह लेने गये, या भुगतान करने गये या उत्पाद की ब्राउजिंग करने गये।
इमर्सिव टेक्नोलॉजी के बढ़ते उपयोग से उपभोक्ता आधारित कंपनियों के लिये वास्तविक दुनिया तथा वर्चुअल दुनिया के बीच तालमेल बिठाने के लिये नई क्षमताओं और अनुभव हेतु निवेश को बढ़ाना पड़ेगा। ऐसा नहंीं करने पर ये कंपनियां पीछे रह जायेंगी।
एक्सेंचर इंडिया में प्रबंध निदेशक, रणनीति एवं सलाह, अनुराग गुप्ता ने कहा कि मेटावर्स को अपनाकर कारोबारों के पास ग्राहकों के अनुभव को दोबारा बनाने का अवसर मिलता है और वे उत्पादों और सेवाओं के निर्माण तथा पेश करने के तरीकों को भी बदल सकते हैं।
सर्वेक्षण में शामिल करीब 55 प्रतिशत ग्राहकों ने बताया कि अब वे डिजिटल दुनिया पर अधिक निर्भर हैं।
करीब 90 प्रतिशत रिटेल विक्रेताओं का कहना था कि कोई बड़ी कंपनी वर्चुअल वर्ल्ड को और अधिक वास्तविक बनाने की दिशा में सभी सीमाओं को पार करेगी।
वैश्विक स्तर पर 72 प्रतिशत रिटेल विक्रेताओं का मानना था कि मेटावर्स का उनके संगठन पर अच्छा प्रभाव पड़ेगा और 45 प्रतिशत इसे परिवर्तनकारी मानते हैं।
करीब 50 फीसदी उपभोक्ताओं ने कहा कि वे पर्यटन अनुभव के लिये जैसे कहीं घुमने या होटल में रूकने जैसे अनुभव के लिये वर्चुअल वर्ल्ड में खरीदारी कर रहे हैं या वे उसमें दिलचस्पी ले रहे हैं।
--आईएएनएस
एकेएस/एएनएम