भोपाल, 18 जुलाई (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के कथित नर्सिंग घोटाले को लेकर प्रदेश की सियासत गरमाई हुई है। कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर आक्रामक मोड में है। इसी के चलते मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने मोहन सरकार में कैबिनेट मंत्री विश्वास सारंग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।कांग्रेस नेताओं ने गुरुवार को प्रदेश की राजधानी भोपाल के अशोका गार्डन थाने का घेराव किया और कथित नर्सिंग घोटाले को लेकर कैबिनेट मंत्री विश्वास सारंग के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की।
दरअसल, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के नेतृत्व में पैदल मार्च निकाला गया। इस दौरान उन्होंने अशोका गार्डन थाने का रुख किया। हालांकि, थाने के आसपास सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे, जिसके बाद पुलिस ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को थाने के बाहर ही रोक दिया। इसके बाद कांग्रेस कार्यकर्ता धरने पर बैठ गए।
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कथित नर्सिंग घोटाले को लेकर मोहन सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने आईएएनएस से बातचीत में कहा, “व्यापाम से लेकर अब तक जितनी भी भर्ती परीक्षाएं हुई हैं, उन सब में भ्रष्टाचार हुआ है। इस भ्रष्टाचार के मुखिया शिवराज सिंह चौहान और उनके मंत्रिमंडल के सदस्य रहे हैं।”
उन्होंने कहा कि जिस तरह से नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता दी गई और यहां भ्रष्टाचार हुआ है, अपात्र तरीके से कॉलेजों को मान्यता देकर उन्होंने नर्सिंग के छात्र-छात्राओं के साथ अन्याय किया है। इसलिए मंत्री विश्वास सारंग से इस्तीफा लेना चाहिए और उनके खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज कर उनकी गिरफ्तारी होनी चाहिए।
दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया कि मध्य प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार में डूबी हुई है। व्यापम घोटाले से लेकर नर्सिंग कॉलेज में घोटाला हुआ है। हम यहां एफआईआर दर्ज कराने आए हैं, लेकिन विश्वास सारंग के गुंडे हमें रोकने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मंत्री विश्वास सारंग को छात्रों से माफी मांगनी चाहिए और खुद ही इस्तीफा दे देना चाहिए।
ज्ञात हो कि राज्य में हुए नर्सिंग घोटाले की जांच सीबीआई कर रही है। इस मामले में कई कॉलेज संचालकों के खिलाफ मामला दर्ज होने के साथ गिरफ्तारियां भी हुई हैं। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस लगातार तत्कालीन चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग पर आरोप लगा रही है। कांग्रेस ने इस मामले में विधानसभा में भी जमकर हंगामा किया था और उसके बाद भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन के आह्वान भी कांग्रेस नेता सड़कों पर उतरे थे।
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