कोलकाता, 26 अगस्त (आईएएनएस)। जादवपुर विश्वविद्यालय द्वारा 10 अगस्त को एक नए छात्र की मौत पर पेश रिपोर्ट से असंतुष्ट पश्चिम बंगाल बाल अधिकार आयोग (डब्ल्यूबीसीआरसी) ने विश्वविद्यालय को एक ताजा नोटिस भेजकर परिसर में रैगिंग रोकने के लिए की गई कार्रवाई पर स्पष्टीकरण मांगा है।बांग्ला ऑनर्स प्रथम वर्ष के छात्र की 10 अगस्त को छात्रावास की बालकनी से गिरने के बाद मौत हो गई। आशंका है कि उसे रैगिंग का शिकार बनाया गया था।
आयोग द्वारा विश्वविद्यालय अधिकारियों को भेजा गया यह तीसरा नोटिस है। हालांकि जेयू अधिकारियों ने पिछले दो नोटिस का जवाब दिया था, लेकिन आयोग जवाब से संतुष्ट नहीं था।
डब्ल्यूबीसीआरसी के सूत्रों ने कहा कि जेयू अधिकारियों द्वारा भेजे गए पिछले उत्तरों से यह स्पष्ट है कि शैक्षणिक संस्थानों के भीतर रैगिंग की रोकथाम के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की सिफारिशों का सख्ती से पालन नहीं किया गया था।
इस बीच, कोलकाता की एक निचली अदालत ने शनिवार को जेयू के दूसरे वर्ष के दो छात्रों - दीपशेखर दत्ता और मनोतोष घोष की पुलिस हिरासत 30 अगस्त तक बढ़ा दी। अर्थशास्त्र के छात्र दत्ता और अंतर्राष्ट्रीय संबंध विषय के छात्र घोष को हिरासत में ले लिया गया। 'दुर्घटना' के पीछे उनकी कथित भूमिका के कारण दोनों छात्रों को 13 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था।
एक अन्य घटनाक्रम में, जेयू के अंतरिम कुलपति बुद्धदेब साव ने शनिवार को मीडियाकर्मियों को बताया कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की एक टीम रैगिंग के खतरे को रोकने में तकनीक का उपयोग करने के तरीके सुझाने के लिए अगले सप्ताह विश्वविद्यालय परिसर का दौरा करेगी।
इसरो को शामिल करने की पहल पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस ने की थी, जो जेयू के चांसलर भी हैं। राज्यपाल ने इस मामले में इसरो के शीर्ष अधिकारियों से फोन पर बातचीत भी की थी।
साव ने यह भी आश्वासन दिया कि परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगाने का काम जल्द शुरू होगा।
उन्होंने कहा कि मुख्यद्वार और छात्रावास द्वार के अलावा, परिसर के भीतर अन्य स्थानों पर भी सीसीटीवी कैमरे लगाने की योजना है।
--आईएएनएस
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