रुद्रप्रयाग, 5 जनवरी (आईएएनएस)। नैनीताल हाईकोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने रुद्रप्रयाग के जिला एवं सत्र न्यायाधीश और हाईकोर्ट के पूर्व रजिस्ट्रार (विजिलेंस) अनुज कुमार संगल को निलंबित कर दिया है। नैनीताल हाईकोर्ट में अनुज कुमार संगल के ऊपर लगे आरोपों पर सुनवाई हुई।हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश के निर्देश पर रजिस्ट्रार जनरल आशीष नैथानी की ओर से जिला जज रुद्रप्रयाग अनुज संगल का निलंबन आदेश जारी हुआ है। उन पर हाईकोर्ट का रजिस्ट्रार विजिलेंस रहते अपने अधीन कार्यरत चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी का उत्पीड़न करने का आरोप है।
इस उत्पीड़न से त्रस्त होकर इस कर्मचारी ने आत्मघाती कदम उठा लिया था।
जारी आदेश में कहा गया है कि अनुज कुमार संगल, जिला एवं सत्र न्यायाधीश, रुद्रप्रयाग के खिलाफ कुछ आरोपों पर अनुशासनात्मक जांच पर विचार किया जा रहा है। उनके खिलाफ उत्तराखंड सरकारी सेवक नियम 2003 के नियम 7 के तहत नियमित जांच शुरू की जाएगी। इसलिए अनुज कुमार संगल को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है।
अनुज कुमार संगल के ऊपर आरोप है कि उन्होंने रजिस्ट्रार के पद पर रहते हुए अपने आवास पर काम कर रहे एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी से अपशब्द कहे, साथ ही उसे काम से निकालने की धमकी दे कर उसे प्रताड़ित किया।
इतना ही नहीं उस कर्मचारी को रोज डांटा फटकारा जाता था और सुबह 8 बजे से रात को 10 बजे तक और कभी कभी तो उससे भी देर तक काम करवाया जाता था। साथ ही शिकायतकर्ता के अर्जित अवकाश की मंजूरी की प्रक्रिया में देरी कर अपने अधिकार का दुरुपयोग किया है।
परिणामस्वरूप उसका वेतन समय पर नहीं निकाला जा सका। इन प्रताड़नाओं से परेशान हो कर उस कर्मचारी ने 3 जनवरी 2023 को उनके घर के सामने आत्मघाती कदम उठाया था। इन सभी आरोपों की सुनवाई करते हुए नैनिताल हाईकोर्ट ने अनुज कुमार संगल को निलंबित कर दिया है।
कोर्ट ने कहा, किसी कर्मचारी की छुट्टी स्वीकृत करने की प्रक्रिया में जानबूझ कर देरी करना और उसका वेतन रोकना तथा गलत व्यवहार कर अधीनस्थ को अप्रिय कदम उठाने के लिए मजबूर करना भी एक अमानवीय व्यवहार है। उन्होंने अपने अनुचित प्रभाव का उपयोग कर चतुर्थ श्रेणी कर्मी द्वारा अप्रिय कदम उठाने के पूरे मामले को मुख्य न्यायाधीश से छिपाने का प्रयास किया है जो कि उत्तराखंड सरकारी सेवक आचरण के नियम-3 (1) और 3(2) के तहत कदाचार है।
--आईएएनएस
स्मिता/एसकेपी