नई दिल्ली, 10 सितंबर (आईएएनएस)। जी20 शिखर सम्मेलन द्वारा दिल्ली घोषणा को अपनाने के एक दिन बाद, जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने रविवार को कहा कि रविवार को कहा कि इसमें रूस का उल्लेख नहीं है और पिछले साल की बाली घोषणा से एक प्रमुख विचलन में यूक्रेन संकट को "यूक्रेन में युद्ध" के रूप में वर्णित किया गया है।किशिदा ने कहा, "आज जब दुनिया जटिल संकट का सामना कर रही है, अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक सहयोग के प्रमुख मंच के रूप में जी20 में सहयोग तेजी से महत्वपूर्ण होता जा रहा है। यूक्रेन पर रूस की आक्रामकता जी20 में सहयोग की नींव को हिला रही है। आगे चलकर यह विश्व अर्थव्यवस्था पर भारी प्रभाव डालेगा।"
जापानी प्रधानमंत्री ने कहा कि जी20 शिखर सम्मेलन की बैठकों के दौरान, उनके देश ने यूक्रेन में सैनिकों की तत्काल वापसी और स्थायी शांति का आह्वान किया।
किशिदा ने कहा, "पूरी बैठकों के दौरान जापान ने रूसी सैनिकों की तत्काल वापसी के लिए दबाव डाला था। यूक्रेन में न्यायसंगत और टिकाऊ शांति की बात कही थी। हमने अपनी स्थिति को रेखांकित किया कि रूस के परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करने की बात तो दूर, इसकी धमकी देना भी बिल्कुल अस्वीकार्य है। मैंने संघर्ष के बीच कमजोर लोगों को वैश्विक समुदाय से सहायता के महत्व पर भी प्रकाश डाला।"
साथ ही उन्होंने भारत की जी20 अध्यक्षता की सराहना करते हुए कहा, "इस वर्ष के अध्यक्ष के रूप में भारत के नेतृत्व में हम जी20 नेताओं की घोषणा पर सहमत होने में सक्षम थे जो वास्तव में एक सार्थक उपलब्धि है।''
किशिदा ने आगे कहा, "पिछले पांच दिन में मैंने जकार्ता में आसियान-संबंधित शिखर सम्मेलन और जी20 नई दिल्ली शिखर सम्मेलन में भाग लिया। सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण, मैं दोनों सम्मेलनों के अध्यक्ष के रूप में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको और यहां प्रधानमंत्री (नरेंद्र) मोदी तथा दोनों सरकारों के सदस्यों के प्रति अपना गहरा सम्मान और सराहना व्यक्त करता हूं।"
--आईएएनएस
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