इंफाल, 21 जनवरी (आईएएनएस)। मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने रविवार को पूर्वोत्तर राज्य में मौजूदा संकट से निपटने के केंद्रीय बलों के तरीके पर असंतोष जताया, जो पिछले साल 3 मई से लेकर अब तक जातीय हिंसा से ग्रस्त है।यह कहते हुए कि केंद्रीय बलों की भूमिका "निगरानी" से परे "जीवन और संपत्ति की सुरक्षा" तक फैली हुई है, सिंह ने जोर देकर कहा कि सुरक्षाकर्मी हिंसा को रोकने में मदद करने के लिए राज्य में थे, न कि "केवल देखने और निरीक्षण करने" के लिए।
यहां प्रथम बटालियन मणिपुर राइफल्स परेड ग्राउंड में आयोजित 52वें राज्यत्व दिवस पर सीएम ने कहा, "आपको (केंद्रीय बलों का जिक्र करते हुए) यह देखने के लिए आमंत्रित नहीं किया गया था कि क्या हो रहा है। आपको राज्य की अखंडता... निर्दोष लोगों के जीवन और संपत्तियों की रक्षा के लिए तैनात किया गया था। हम भारतीय हैं।"
उन्होंने चुनौतीपूर्ण सुरक्षा स्थिति के जवाब में राज्य बलों के बीच सतर्कता बढ़ाने का आग्रह किया।
मुख्यमंत्री का यह बयान तेंगनुपाल जिले के मोरेह और बिष्णुपुर जिले सहित राज्य के विभिन्न स्थानों पर संदिग्ध आतंकवादियों द्वारा सुरक्षा कर्मियों और नागरिकों पर हाल ही में तेज हुए हमलों के मद्देनजर आया है।
अशांत राज्य की मौजूदा स्थिति को ध्यान में रखते हुए उन्होंने सभी राज्य बलों से हर समय सतर्क रहने की भी अपील की। भारत-म्यांमार सीमा पर बाड़ लगाने, दोनों देशों के बीच मुक्त आवाजाही व्यवस्था को समाप्त करने और नागरिकता की राष्ट्रीय रजिस्ट्री को लागू करने के हालिया आश्वासन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की सराहना करते हुए सिंह ने कहा कि ये आश्वासन मणिपुर के लोगों के लिए सबसे बड़े उपहार हैं।
सीएम ने मणिपुर की एकता और अखंडता को चुनौती देने वालों को चेतावनी देते हुए कहा कि उन्हें पता होना चाहिए कि राज्य के मूल निवासी ऐसी किसी भी चुनौती से निपटने के लिए एकजुट होंगे।
सिंह ने दोहराया कि अगर बातचीत की गुंजाइश है तो वह तैयार हैं और राज्य बल भी किसी भी चुनौती के लिए तैयार है।
उन्होंने कहा कि मानवता की खातिर दोनों तरफ से निहत्थे नागरिकों पर हमले बंद होने चाहिए।
उन्होंने कहा कि सरकार विभिन्न क्षेत्रों में पहाड़ी जिलों के विकास में विशेष रुचि रखती है, जिसमें शैक्षणिक संस्थानों के उन्नयन, सेनापति में कुश्ती स्टेडियम, जिला मुख्यालयों में युवा कौशल विकास केंद्र आदि जैसी खेल सुविधाओं का विकास शामिल है। यह देखते हुए कि समान विकास के बिना कोई शांति और एकता नहीं हो सकती, उन्होंने कहा कि सरकार पिछले पांच या इतने वर्षों से पहाड़ियों में बुनियादी ढांचे का विकास कर रही है, जिससे परिदृश्य में बड़ा बदलाव आ रहा है।
सीएम ने अफसोस जताया, "दुर्भाग्य से, पिछले साल 3 मई के बाद से अवांछित घटनाओं ने कुछ जिलों में विकास कार्य रोक दिया है।" चल रहे संघर्ष से विस्थापित और वर्तमान में राहत शिविरों में रहने वाले लोगों की स्थिति के प्रति चिंता दिखाते हुए सीएम ने कहा कि उपायुक्तों को सप्ताह में कम से कम एक बार शिविरों का दौरा करना चाहिए और उनकी शिकायतों को जानने के लिए व्यक्तियों और परिवारों के साथ बातचीत करनी चाहिए।
उन्होंने कहा, "सरकार राज्य की सुरक्षा और संरक्षण के लिए सभी प्रयास कर रही है। हम भारतीय हैं और हर जीवन कीमती है।"
--आईएएनएस
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