iGrain India - तिरुअनन्तपुरम । अमरीका मौसम पूर्वानुमान केन्द्र ने कहा है कि दिसम्बर में भारत का 25 प्रतिशत से अधिक भाग सूखे की चपेट में रहा जबकि वर्ष 2023 का समय 1850 के बाद सबसे गर्म रहा।
वैसे नवम्बर में 26.3 प्रतिशत भाग सूखे के संकट से जूझ रहा था जबकि दिसम्बर में स्थिति थोड़ी सुधर गई। मौसम विभाग के मुताबिक दक्षिण एशिया के कई भागों एवं मध्य एशिया के कुछ देशों में मौसम सामान्य से नम रहा जिसमें भारत भी शामिल है।
पश्चिमी हिन्द महासागर में सकारात्मक डायपोल बनने तथा दक्षिणी एवं पूर्वी भारत में मिचोंग नामक समुद्री चक्रवाती तूफान से कुछ इलाकों में भारी वर्षा होने से मौसम में नमी बढ़ गई।
दिसम्बर के आरंभ में इस तूफान से तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड एवं उड़ीसा जैसे राज्यों में बारिश हुई थी। इस बीच भारत सूखा निगरानी केन्द्र ने भी देश के उत्तरी,पूर्वी एवं दक्षिण-पश्चिम भाग के तटवर्ती क्षेत्रों में दिसम्बर 2023 के दौरान सूखे का माहौल रहने की सूचना दी है। राष्ट्रीय स्तर पर 25.6 प्रतिशत भाग में सूखे की स्थिति बनी रही।
वर्ष 2023 में एशिया महादेश अब तक के दूसरे सबसे गर्म मौसम का शिकार बना। इसके अलावा रूस, चीन तथा दक्षिणी गोलार्द्ध के देशों में भी वर्ष के दौरान मौसम सामान्य से अधिक सूखा रहा जबकि दक्षिण-पूर्व एशिया में व्यापक स्तर पर भयंकर सूखा देखा गया।
अमरीकी मौसम केन्द्र के अनुसार अल नीनो मौसम चक्र के प्रकोप एवं प्रभाव से मौसम एवं वर्षा की स्थिति में बदलाव आया। दक्षिण-पश्चिम एशिया के साथ-साथ ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील के आमेजन क्षेत्र, भूमध्य सागरीय देश तथा कनाडा में भी सूखे का माहौल रहा।
लेकिन कुछ क्षेत्रों में सामान्य से अधिक बारिश दर्ज की गई जिससे वहां लोगों को सूखे से कुछ राहत मिली। इसमें यूरोप के कुछ भाग, भारत, अर्जेन्टीना, अफ्रीका, मैक्सिको तथा मध्यवर्ती अमरीका आदि सम्मिलित थे।
भारत में जनवरी माह के दौरान भी बारिश का अभाव महसूस किया जा रहा है। देश के कई भागों में लम्बे समय से अच्छी वर्षा नहीं हुई है जिससे रबी फसलों को नुकसान होने की आशंका है।
हालांकि ठंडे मौसम के कारण खेतों की मिटटी में नमी सूखने की गति धीमी है मगर कई इलाकों में गेहूं, चना एवं सरसों सहित अन्य रबी फसलों को एकाध वर्षा की जरूरत है। बांधों जलाशयों में पानी का स्तर घट जाने से सिंचाई में कठिनाई हो रही है।