श्रीहरिकोटा (आंध्र प्रदेश), 1 जनवरी (आईएएनएस)। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने वर्ष 2024 को गगनयान वर्ष का नाम दिया है और 2025 में मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन को साकार करने से पहले कई परीक्षणों की योजना बनाई है।गगनयान भारत के मानव अंतरिक्ष मिशन का नाम है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष एस. सोमनाथ के अनुसार, अंतरिक्ष एजेंसी अपने तीन रॉकेटों के साथ 2024 में लगभग 12-14 अंतरिक्ष मिशनों का लक्ष्य बना रही है।
उन्होंने यह भी कहा कि 2024 इसरो के लिए गगनयान का वर्ष होगा क्योंकि यह 2025 में देश के मानव अंतरिक्ष मिशन को साकार करने के लिए विभिन्न परीक्षण और अन्य गतिविधियां करेगा।
सोमनाथ ने कहा कि इसरो 2024 में दो और निरस्त मिशनों को अंजाम देगा। पिछले साल, अंतरिक्ष एजेंसी ने चालक दल से बचने की प्रणाली का प्रदर्शन करने के लिए पहला उड़ान परीक्षण वाहन अबॉर्ट मिशन -1 (टीवी-डी1) लाँच किया था।
उनके अनुसार, इसरो दो मानवरहित मिशन, हेलीकॉप्टर ड्रॉप परीक्षण, लॉन्चपैड अबॉर्ट परीक्षण और कई अन्य को अंजाम देगा।
अन्य उपग्रह प्रक्षेपणों के बारे में बोलते हुए सोमनाथ ने कहा कि अंतरिक्ष एजेंसी जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च वीईकल (जीएसएलवी) का उपयोग करके आईएन इनसैट-3डीएस और भारत-अमेरिका सहयोग उपग्रह निसार तथा पीढ़ी के नेविगेशन उपग्रह की परिक्रमा करेगी।
उन्होंने कहा कि दो वाणिज्यिक मिशन - शुल्क के लिए उपग्रहों की परिक्रमा - और ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) के लिए कई रिमोट सेंसिंग उपग्रह मिशन और लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान (एसएसएलवी) की तीसरी उड़ान की भी योजना बनाई गई है।
सोमनाथ ने कहा कि भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी चालू वर्ष के दौरान अपने स्क्रैमजेट इंजन और पुन: प्रयोज्य प्रक्षेपण यान का भी परीक्षण करेगी।
--आईएएनएस
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