बेंगलुरु, 6 नवंबर (आईएएनएस)। इस कैलेंडर वर्ष की तीसरी तिमाही में दुनिया भर में दो अरब से अधिक साइबर हमलों को रोका गया, जिनमें से 70 प्रतिशत (1.6 अरब से अधिक) भारत से किये गये थे। सोमवार को जारी एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है।टीसीजीएफ-2 (टाटा कैपिटल) द्वारा वित्त पोषित एक सॉफ्टवेयर-एज-ए-सर्विस कंपनी इंडसफेस की रिपोर्ट के अनुसार, यह आंकड़ा इस साल की दूसरी तिमाही (जिसमें 94.7 करोड़ हमले दर्ज किए गए) की तुलना में तीसरी तिमाही के दौरान भारतीय वेबसाइटों पर साइबर हमलों की आवृत्ति में 70 प्रतिशत की तेज वृद्धि को दर्शाता है।
विशेष रूप से, स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र, जहां शत-प्रतिशत साइटों को बॉट हमलों का सामना करना पड़ा, और बैंकिंग एवं बीमा उद्योग जहां 90 प्रतिशत को इसी तरह के हमलों का सामना करना पड़ा, सबसे कमजोर क्षेत्रों के रूप में उभरे हैं।
इस तिमाही में, 10 में से आठ वेबसाइटों ने खुद को बॉट हमलों द्वारा लक्षित पाया, और कुल बॉट हमलों की संख्या पिछली तिमाही की तुलना में 56 प्रतिशत अधिक रही।
भारत के अलावा, प्रमुख देश जहां से साइबर हमले शुरू हुए, वे अमेरिका, ब्रिटेन, रूस और सिंगापुर थे।
अन्य सबसे बड़े हमलों की श्रेणी में डिस्ट्रीब्यूटेड डिनायल ऑफ सर्विसेज (डीडीओएस) शामिल है, जिनमें पिछली तिमाही में दो-तिहाई (67 प्रतिशत) से अधिक की वृद्धि देखी गई।
इंडसफेस के सीईओ आशीष टंडन ने कहा, “बॉट हमले बीएफएसआई और स्वास्थ्य सेवा उद्योगों के लिए एक महत्वपूर्ण खतरा बने हुए हैं, जो उनके पास मौजूद डेटा के महत्व को दर्शाता है। इन क्षेत्रों में 90 प्रतिशत से अधिक वेबसाइटें विभिन्न प्रकार के बॉट हमलों का सामना कर रही हैं।”
उन्होंने कहा, "डिजिटल डेटा प्रोटेक्शन बिल के आलोक में, इन क्षेत्रों की सुरक्षा और बुनियादी ढांचा टीमों के लिए पहले से कहीं अधिक सतर्क रहना और अपने ग्राहक डेटा की सुरक्षा करना महत्वपूर्ण है।"
तीसरी तिमाही में शीर्ष तीन भेद्यता श्रेणियां दुर्भावनापूर्ण सामग्री पाई गईं (सॉफ़्टवेयर और डेटा अखंडता विफलताएं), सर्वर-साइड अनुरोध जालसाजी और क्रॉस-साइट स्क्रिप्टिंग (एक्सएसएस) का पता चला।
तीसरी तिमाही के दौरान लगभग 46 हजार कमजोरियों की पहचान की गई, जिनमें से लगभग 32 प्रतिशत का 180 दिनों से अधिक समय तक समाधान नहीं किया गया, जो तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता को रेखांकित करता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इस तिमाही में, एसएएएस और समूह कंपनियों ने कई उद्योगों में ग्राहक-संवेदनशील डेटा के प्रबंधन के कारण हमलों की संख्या में 10 गुना वृद्धि का अनुभव किया।
--आईएएनएस
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