iGrain India - नई दिल्ली । हालांकि नवम्बर के आरंभिक 15 दिनों के दौरान सरकारी एजेंसियों द्वारा केन्द्रीय पूल के लिए 57.77 लाख टन चावल (इसके समतुल्य धान) की खरीद की गई जो पिछले साल की इसी अवधि की खरीद 54.62 लाख टन से 3.15 लाख टन ज्यादा है लेकिन अक्टूबर में हुई कम खरीद के कारण इसकी कुल मात्रा गत वर्ष से करीब 4 प्रतिशत पीछे है।
उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार चालू खरीफ मार्केटिंग सीजन में 1 अक्टूबर से 15 नवम्बर 2023 के डेढ़ महीनों के दौरान भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) द्वारा कुल 161.30 लाख टन चावल खरीदा गया जो वर्ष 2022 की समान अवधि की खरीद से 4.4 प्रतिशत कम था।
इससे पूर्व अक्टूबर में चावल की खरीद में 9 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई थी। नवम्बर में अधिक खरीद होने से अंतर घट गया। वर्ष 2022 में 15 नवम्बर तक कुल 168.75 लाख टन चावल की सरकारी खरीद हुई थी।
केन्द्र सरकार ने वर्तमान खरीफ मार्केटिंग सीजन के लिए कुल 521.27 लाख टन चावल की खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया है जबकि केन्द्रीय कृषि मंत्रालय ने खरीफ कालीन चावल का उत्पादन गत वर्ष के 1105.10 लाख टन से 3.8 प्रतिशत या 42 लाख टन घटकर इस वर्ष 1063.10 लाख टन पर सिमटने का अनुमान लगाया है।
यद्यपि नवम्बर के प्रथम पखवाड़े के दौरान चावल की खरीद में कुछ इजाफा हुआ मगर फिर भी वास्तविक अर्थों में यह गत वर्ष से 10 लाख टन पीछे है।
मालूम हो कि पिछले साल भी उत्तर प्रदेश एवं बिहार जैसे राज्यों में मानसून सीजन के दौरान बारिश का अभाव रहा था। चालू वर्ष के दौरान अगस्त माह के शुष्क एवं गर्म मौसम से धान की फसल बुरी तरह प्रभावित हुई है। जिन इलाकों में धान की दोबारा खेती हुई वहां नई फसल की आवक देर से होगी।
पंजाब में इन डेढ़ महीनों के दौरान 108.70 लाख टन चावल खरीदा गया जो पिछले साल के 113.70 लाख टन से 5 लाख टन या 4.4 प्रतिशत कम रहा।
अक्टूबर में वहां चावल की खरीद में 13 प्रतिशत की भारी गिरावट आ गई थी। सरकार ने नवम्बर के अंत तक पंजाब में कुल 122 लाख टन चावल की खरीद का लक्ष्य नियत कर रखा है।