लखनऊ, 13 फरवरी (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश में 'मिशन-80' के लिए जुटी भाजपा मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव के जरिए सपा के यादव वोटबैंक में सेंधमारी की मजबूत कोशिश कर रही है। आजमगढ़ क्लस्टर में शामिल पांच लोकसभा सीटों में यादव मतदाताओं की बड़ी संख्या हैं। इसी लिहाज से मोहन यादव को यहां लगाया गया है।
राजनीतिक जानकर बताते हैं कि आजमगढ़, मऊ, गाजीपुर जैसे इलाकों में यादव वोटर काफी तादात में है। यह परंपरागत सपा का ही वोटर माना जाता रहा है। इसी कारण भाजपा ने मोहन यादव को मोर्चे पर लगाया है। मोहन के माध्यम से उनके वर्ग को संदेश देना चाहती है।
वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक वीरेंद्र सिंह कहते हैं कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव जातिवार जनगणना को लेकर भाजपा सरकार को घेरते आ रहे हैं। ऐसे में भाजपा मोहन यादव के जरिए पूर्वांचल में इसकी काट के रूप में प्रस्तुत कर रही है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश की ओबीसी जातियों में यादवों की हिस्सेदारी सबसे अधिक है। इस वोटबैंक पर सबसे मजबूत कब्जा सपा का ही माना जाता रहा है। मोहन यादव के जरिए भाजपा यूपी का भी जातिगत समीकरण साधने की कोशिश में है। मोहन की ससुराल सुलतानपुर में होने के कारण उनका यूपी से भी गहरा नाता है। ऐसे में एक असर यह भी पड़ने की संभावना है।
भाजपा के महामंत्री गोविंद नारायण शुक्ला ने बताया कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव आज आजमगढ़ में आयोजित पांच लोकसभा क्षेत्रों की चुनाव संचालन समिति की बैठक को संबोधित करेंगे।
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