नई दिल्ली, 13 दिसंबर (आईएएनएस)। करीब 63 प्रतिशत भारतीय उद्यम आगामी 12 महीनों (2024) में अपनी व्यावसायिक प्रक्रियाओं के स्वचालन के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और मशीन लर्निंग (एमएल) की ओर सक्रिय रूप से निवेश कर रहे हैं, पिछले साल से एआई निवेश में 85 प्रतिशत की वृद्धि देखी जा रही है। ग्लोबल सॉफ्टवेयर कंपनी ऑटोमेशन एनीव्हेयर के अनुसार, इनमें से 33 प्रतिशत उद्यम रणनीतिक रूप से विकास के लिए प्रेरक शक्ति के रूप में जेनरेटिव एआई को अपनाने की योजना बना रहे हैं, जो व्यवसाय अनुकूलन और परिवर्तन की खोज में इनोवेटिव प्रौद्योगिकियों के प्रति दूरदर्शी दृष्टिकोण को दर्शाता है।
ऑटोमेशन एनीव्हेयर के सह-संस्थापक और मुख्य परिचालन अधिकारी अंकुर कोठारी ने कहा, ''उत्पादकता आर्थिक विकास और दुनिया के विकास के अगले स्तर का आधार है। एआई और जेनरेटिव एआई समेत इंटेलिजेंट ऑटोमेशन, हमारे सामने उभर रहे बड़े पैमाने पर उत्पादकता संकट को हल करने में महत्वपूर्ण साबित हो रहे हैं।''
भारतीय उद्यमों में एआई के मूल्य की व्यापक मान्यता के बावजूद, तैनाती की चुनौतियां बनी हुई हैं। लगभग 39 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने एआई प्रौद्योगिकियों को अपनाने में प्राथमिक बाधाओं के रूप में डेटा चुनौतियों और नियामक/नैतिक चिंताओं का जिक्र किया।
करीब 52 प्रतिशत ने कहा कि तकनीकी जटिलताएं और डेटा सुरक्षा वे चुनौतियां/बाधाएं हैं, जिन्हें वे एआई को अपनाने और उपयोग करने में महसूस करते हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, इन चिंताओं के बावजूद, 33 प्रतिशत भारतीय उद्यम एआई प्रौद्योगिकियों से जुड़े संभावित जोखिमों को कम करने के लिए मजबूत सुरक्षा उपायों और गोपनीयता प्रोटोकॉल को लागू करने में विश्वास व्यक्त करते हैं।
सत्येन मखीजा ने कहा, ''हम अपने ग्राहकों के लिए ऑटोमेशन और एआई/एमएल में निवेश में उल्लेखनीय वृद्धि देख रहे हैं, जिसमें जेनरेटर एआई नए उपयोग के मामलों की पहचान कर रहा है और व्यावसायिक परिणामों में सुधार कर रहा है।''
--आईएएनएस
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