नई दिल्ली, 2 अक्टूबर (आईएएनएस)। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने सोमवार को भाकपा (माओवादी) साजिश मामले में पूरे आंध्र प्रदेश में छापेमारी की। एक अधिकारी ने बताया कि इस सिलसिले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है।गिरफ्तार व्यक्ति की पहचान चंद्र नरसिम्हुलु के रूप में हुई है। एनआईए ने उसके पास से हथियार, नकदी और कुछ आपत्तिजनक सामग्री भी जब्त की।
'प्रगतिशील कर्मिका समय' (पीकेएस) की राज्य कार्यकारी समिति के सदस्य नरसिम्हुलु को आंध्र प्रदेश के श्री सत्य साईं जिले में गिरफ्तार किया गया।
एक अधिकारी ने कहा कि आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में कुल 62 स्थानों पर छापे मारे गए। कडप्पा जिले के एक परिसर से 13 लाख रुपये की राशि जब्त की गई, जबकि अन्य स्थानों से माओवादी साहित्य और दस्तावेज जब्त किए गए।
आंध्र प्रदेश के गुंटूर, पलानाडु, विशाखापत्तनम, विजयनगरम, नेल्लोर, तिरूपति और कुरनूल जिलों में 53 स्थानों पर छापेमारी की गई।
तेलंगाना में हैदराबाद, महबूब नगर, हनुमाकोंडा, रंगा रेड्डी और आदिलाबाद जिलों में नौ स्थानों पर भी छापे मारे गए।
गिरफ्तार व्यक्ति से हिरासत में पूछताछ से प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) संगठन की गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए विभिन्न फ्रंटल संगठनों के प्रयासों से संबंधित साजिश के बारे में और जानकारी मिलने की उम्मीद है।
फ्रंटल संगठनों में सिविल लिबर्टीज कमेटी (सीएलसी), अमरुला बंधु मित्रुला संघम (एबीएमएस), चैतन्य महिला संघम (सीएमएस), कुला निर्मुलाना पोराटा समाधि (केएनपीएस), देशभक्ति लोकतांत्रिक आंदोलन (पीडीएम), प्रगतिसीला कर्मिका समाक्या (पीकेएस), प्रजा कला मंडली (पीकेएम), रिवोल्यूशनरी राइटर्स एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) या विप्लव रचैतालासंगम (वीआईआरएएसएएम), मानवाधिकार मंच (एचआरएफ), राजनीतिक कैदियों की रिहाई के लिए समिति (सीआरपीपी) और इंडियन एसोसिएशन ऑफ पीपुल्स लॉयर्स (आईएपीएल) शामिल हैं।
एनआईए की अब तक की जांच से पता चला है कि इन फ्रंटल संगठनों के नेता और सदस्य भाकपा (माओवादी) को समर्थन दे रहे थे, जिसे 2009 में एक आतंकवादी संगठन के रूप में प्रतिबंधित कर दिया गया था।
जिन परिसरों पर सोमवार को छापा मारा गया, वे फ्रंटल संगठनों के सदस्यों और कैडरों के थे।
मुंचिंगपुट क्षेत्र में माओवादियों की आवाजाही और माओवादी साहित्य के परिवहन से संबंधित जानकारी के आधार पर 23 नवंबर 2020 को मामला दर्ज किया गया था।
पुलिस ने पांगी नागन्ना नाम के एक व्यक्ति को तब रोका था, जब वह माओवादी कैडरों को सौंपने के लिए माओवादी क्रांतिकारी साहित्य की किताबें, दवाएं, लाल रंग के बैनर कपड़े, बिजली के तार बंडल, बैटरी और पर्चे ले जा रहा था।
पांगी नागन्ना से विस्तृत पूछताछ से पता चला कि सामान उन्हें फ्रंटल संगठनों के नेताओं द्वारा सौंपा गया था।
एनआईए ने 21 मई 2021 को विजयवाड़ा की विशेष अदालत के समक्ष सात आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था।
इन सात व्यक्तियों में से पांच फ्रंटल संगठनों, अर्थात् एबीएमएस, सीएमएस, पीकेएस, पीडीएम और पीकेएम से संबंधित थे।
--आईएएनएस
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