भोपाल, 30 जुलाई (आईएएनएस)। दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में एक यूपीएससी कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भरने से पिछले सप्ताह हुई तीन छात्रों की मौत के बाद भोपाल प्रशासन भी हरकत में आ गया है। पूरा जिला प्रशासन एक्टिव मोड में नज़र आ रहा है।भोपाल के डीएम कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने निगम कमिश्नर, एसडीएम और तहसीलदारों को बेसमेंट से चलने वाले कोचिंग संस्थानों की जांच करने के आदेश दिए हैं।
इसके बाद जिले में यूपीएससी परीक्षा की तैयारी कराने वाले कोचिंग कौटिल्य एकेडमी को सील कर दिया गया है। यह कोचिंग सेंटर एक बिल्डिंग के बेसमेंट से संचालित हो रही थी। भोपाल शहर एसडीएम आशुतोष ने आईएएनएस से बात करते हुए बताया, “मुख्यमंत्री जी और डीएम साहब के आदेश के बाद हमने इस संस्थान पर यह कार्रवाई की है। प्रथम दृष्टया यह संस्थान बेसमेंट में चलते हुए पाया गया। पूरे बेसमेंट को हमने सील कर दिया है। इस मामले में आगे की जांच जारी रहेगी। जांच के बाद रिपोर्ट हम शासन को भेज देंगे”।
डीएम कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने बाढ़ आपदा संबधी तैयारियों की समीक्षा करते हुए सभी एसडीएम को जलभराव होने की आशंका का ध्यान रखने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने निचले इलाकों, तालाब एवं संभावित जलभराव वाले स्थानों को चिन्हित कर सुरक्षा संबंधी व्यवस्था करने को भी कहा है। कलेक्टर कौशलेंद्र सिंह ने दिल्ली में हुई घटना को देखते हुए सभी एसडीएम को उनके क्षेत्र में बेसमेंट में चल रहे कोचिंग संस्थानों का निरीक्षण करने के भी निर्देश दिए, साथ ही जलभराव होने पर जल निकासी की व्यवस्था देखने और सुरक्षित बिजली व्यवस्था की जांच करने को भी कहा।
भोपाल के कोचिंग एरिया एमपी नगर में प्रशासनिक अधिकारी जब जांच करने के लिए पहुंचे तो यहां कई कोचिंग संचालक नियमों के विरुद्ध कोचिंग संचालित करते पाए गए। प्रशासनिक अधिकारी इस कोचिंग सेंटरों पर कार्रवाई करने की बात कह रहे हैं।
कोचिंग में पढ़ने वाले छात्रों ने आईएएनएस से बात करते हुए बताया, यहां न ही दूसरा एग्जिट पॉइंट है और ना ही फायर सेफ्टी यंत्र। यहां की अधिकतर कोचिंग सेंटर्स पर सिर्फ एक ही एग्जिट पॉइंट है, वह भी बहुत छोटा।
--आईएएनएस
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