अमरावती, 29 सितंबर (आईएएनएस)। आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने सीआईडी को कौशल विकास और एपी फाइबरनेट घोटाले में तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के महासचिव नारा लोकेश को 4 अक्टूबर तक गिरफ्तार नहीं करने का निर्देश दिया है।उच्च न्यायालय ने दोनों मामलों में टीडीपी सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू के बेटे लोकेश की याचिकाओं पर अंतरिम आदेश पारित किया। नायडू पहले से ही कौशल विकास घोटाले में न्यायिक हिरासत में हैं।
अदालत ने दोपहर के भोजन के बाद याचिकाओं पर सुनवाई की और बाद में इसे 4 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दिया। इसने एपी फाइबरनेट मामले में लोकेश की अग्रिम जमानत याचिका पर भी सुनवाई स्थगित कर दी।
इससे पहले, अदालत ने अमरावती इनर रिंग रोड मामले में लोकेश द्वारा अग्रिम जमानत के लिए दायर याचिका का निपटारा कर दिया था, जब सीआईडी ने उसे सूचित किया था कि वह आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 41ए के तहत लोकेश को नोटिस जारी करेगी।
महाधिवक्ता सुब्रह्मण्यम श्रीराम ने अदालत को सूचित किया कि मामले में पूछताछ के लिए लोकेश को सीआरपीसी की धारा 41ए के तहत नोटिस जारी किया जाएगा। चूंकि मामले में गिरफ्तारी की आशंका नहीं है, इसलिए अदालत ने टीडीपी नेता को जांच में सहयोग करने का निर्देश देकर उनकी याचिका का निपटारा कर दिया।
सीआईडी ने मंगलवार को विजयवाड़ा एसीबी कोर्ट में एक मेमो दायर किया था, जिसमें लोकेश को मामले में 14वां आरोपी बनाया गया था।
सीआईडी ने पहले ही नायडू को अमरावती इनर रिंग रोड मामले और एपी फाइबरनेट मामले में आरोपी के रूप में नामित किया है और विजयवाड़ा एसीबी कोर्ट में उनके खिलाफ कैदी ट्रांजिट (पीटी) वारंट याचिका दायर की है।
मई 2022 में, सीआईडी ने अमरावती में एक आंतरिक रिंग रोड के निर्माण में कथित अनियमितताओं के लिए चंद्रबाबू नायडू, पूर्व नगरपालिका प्रशासन मंत्री डॉ. पी. नारायण, हेरिटेज फूड्स लिमिटेड और अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।
एफआईआर वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) के मंगलगिरी विधायक ए. राम कृष्ण रेड्डी की शिकायत के आधार पर दर्ज की गई थी।
यह आरोप लगाया गया था कि आंध्र प्रदेश की राजधानी के लिए मास्टर प्लान के डिजाइन और रिंग रोड के संरेखण के संबंध में 2014 और 2019 के बीच उच्च पदस्थ सरकारी अधिकारियों द्वारा कुछ व्यक्तियों को गलत लाभ पहुंचाने के लिए कुछ अवैध और भ्रष्ट गतिविधियां की गईं।
हेरिटेज फूड्स चंद्रबाबू नायडू के परिवार के स्वामित्व वाली कंपनी है। सीआईडी ने कहा था कि वह तीनों घोटालों में लोकेश की भूमिका की जांच कर रही है।
ये घोटाले कथित तौर पर तब हुए जब नायडू मुख्यमंत्री थे और लोकेश कैबिनेट मंत्री थे।
--आईएएनएस
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