कोलकाता, 2 दिसंबर (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल कथित नकदी मामले में तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ राज्य कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर कार्यवाही के मुद्दे पर संसद की आचार समिति के कामकाज की समीक्षा करने की मांग की है।चौधरी के पत्र को अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट करते हुए राज्य कांग्रेस नेता और कलकत्ता उच्च न्यायालय के वकील कौस्तव बागची ने चौधरी का उपहास किया, लेकिन सीधे तौर पर उनका नाम नहीं लिया।
बागची ने यह भी सवाल किया है कि क्या अब से पश्चिम बंगाल में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को "चोरों को साधु" बताना शुरू कर देना चाहिए।
बागची ने लिखा, ''आज हम महुआ मोइत्रा को नन बता रहे हैं। कल हम अभिषेक बनर्जी और ममता बनर्जी के लिए भी ऐसा ही कर सकते हैं। कांग्रेस कार्यकर्ताओं को चोरों को साधु कहकर संबोधित करने का अभ्यास आज से ही शुरू कर देना चाहिए। आइए इस प्रक्रिया की शुरुआत मारे गए तपन कंदु की विधवा पूर्णिमा कंदु से करें।''
पिछले साल 13 मार्च को पुरुलिया जिले के कांग्रेस नेता तपन कांडू की उस समय हत्या कर दी गई थी जब वह अपनी पत्नी पूर्णिमा कांडू के साथ शाम की सैर कर रहे थे।
कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश के बाद सीबीआई ने मामले की जांच शुरू की। यह पहली बार नहीं है कि बागची का तृणमूल कांग्रेस के मुद्दे पर चौधरी के साथ टकराव हुआ है।
इस साल अगस्त में बागची ने कांग्रेस आलाकमान को खुली चुनौती दी कि वह उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का साहस करें, क्योंकि उन्होंने लगातार तृणमूल कांग्रेस का विरोध किया था, जो 'इंडिया' के विपक्षी गठबंधन का हिस्सा है।
उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने देखा है कि हाल ही में राज्य कांग्रेस नेताओं का एक वर्ग तृणमूल कांग्रेस के प्रति नरम हो रहा है।
उन्होंने कहा था, “यह राज्य कांग्रेस के लिए संतोषजनक संकेत नहीं है। जमीनी स्तर के कांग्रेस कार्यकर्ता कभी भी तृणमूल कांग्रेस के साथ किसी भी तरह के समझौते को स्वीकार नहीं करेंगे। मैं उनसे 100 फीसदी सहमत हूं। मेरी प्रतिबद्धता मेरी पार्टी और जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं के प्रति है। ''
--आईएएनएस
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