नई दिल्ली, 10 सितंबर (आईएएनएस)। लुटियंस जोन सहित नई दिल्ली क्षेत्र में और उसके आसपास तैनात दिल्ली पुलिस के जवानों को ग्रैफिटी रिमूवर से लैस किया गया है, ताकि आसपास कहीं भी आपत्तिजनक नारे लिखे पाए जाने पर उन्हें मिटाया जा सके। सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि कनाडा स्थित आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नून ने 100,000 डॉलर का फंड आवंटित किया है और अपने समर्थकों को उन स्थानों के पास खालिस्तानी समर्थक नारे लिखने के लिए उकसाया है जहां जी20 प्रमुख रह रहे हैं या उनके मार्ग पर हैं।
स्पेशल ब्रांच ने 5 सितंबर को सभी पुलिस उपायुक्तों (डीसीपी) को एक पत्र लिखा, जिसमें उन्हें इस तथ्य से सचेत किया गया कि प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) के संस्थापक गुरपतवंत सिंह पन्नून की आसपास के इलाकों में विवाद उत्पन्न करने की योजना है। जी20 प्रमुख खालिस्तानी समर्थक नारों और आपत्तिजनक कंटेंट के साथ अपने मार्गों पर रहेंगे।
आईएएनएस को पत्र की एक कॉपी मिली है, जिसमें कहा गया है कि पंजाब के किसानों और एसएफजे कार्यकर्ताओं को पन्नून ने उन स्थानों पर खालिस्तानी झंडे फहराने और खालिस्तान और आपत्तिजनक नारे लिखने के अलावा भारतीय राष्ट्रीय ध्वज हटाने के लिए उकसाया है।
स्पेशल ब्रांच द्वारा सभी डीसीपी को भेजे गए गोपनीय पत्र में कहा गया है, ''स्पेशल ब्रांच को सोशल मीडिया के माध्यम से जानकारी मिली कि प्रतिबंधित खालिस्तान समर्थक समूह सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) के प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नून ने एक वीडियो के माध्यम से एक कॉल जारी कर पंजाब के युवाओं और किसानों से दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान 'खालिस्तान मोर्चा' का समर्थन करने का आग्रह किया। उन्होंने उन्हें जी20 प्रमुखों के मार्ग पर खालिस्तान झंडे वाले ओवर ब्रिज, जैसे तिलक ब्रिज, भैरों ब्रिज, रिंग रोड सरदार पटेल मार्ग, अफ्रीका एवेन्यू आदि को लक्षित करने के लिए प्रोत्साहित किया। हमें सतर्क रहना चाहिए।''
पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि हाल ही में, दो मौकों पर, 19 जनवरी और 27 अगस्त को, कई मेट्रो स्टेशनों की बाहरी दीवारों के साथ-साथ दिल्ली के पश्चिमी और बाहरी हिस्सों में होटल की सीमाओं, स्कूलों और बस स्टॉप जैसे विभिन्न स्थानों पर भित्तिचित्र और खालिस्तान समर्थक नारे पाए गए। इन घटनाओं के लिए सिख फॉर जस्टिस कार्यकर्ताओं को जिम्मेदार ठहराया गया।
स्पेशल ब्रांच को यह भी पता चला कि एसएफजे ने सोशल मीडिया पर एक और कॉल जारी कर प्रगति मैदान में जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान खालिस्तान के झंडे फहराने के अपने इरादे की घोषणा की। पत्र में लिखा है, ''उन्होंने भारतीय ध्वज को हटाने की भी योजना बनाई और इस उद्देश्य के लिए, एसएफजे ने भारतीय ध्वज (तिरंगा) को हटाने और विभिन्न स्थानों पर खालिस्तान ध्वज फहराने की योजना को निष्पादित करने के लिए 100,000 डॉलर का बजट आवंटित किया, जहां जी20 शिखर सम्मेलन की योजना बनाई गई है। इस वीडियो को 7 अप्रैल को शेयर किया गया था।''
यह भी पता चला कि एसएफजे ने सोशल मीडिया पर एक और कॉल जारी कर प्रगति मैदान में जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान खालिस्तान के झंडे फहराने के अपने इरादे की घोषणा की थी। "उन्होंने भारतीय ध्वज को हटाने की भी योजना बनाई और इस उद्देश्य के लिए, एसएफजे ने भारतीय ध्वज (तिरंगा) को हटाने और विभिन्न स्थानों पर खालिस्तान ध्वज फहराने की योजना को निष्पादित करने के लिए 100,000 डॉलर का बजट आवंटित किया, जहां जी20 शिखर सम्मेलन की योजना बनाई गई है। वीडियो 7 अप्रैल को साझा किया गया था,'' पत्र में लिखा है।
पत्र में चिंता व्यक्त की गई है कि युवा व्यक्ति या एसएफजे से सहानुभूति रखने वाले, जो उस वीडियो से प्रभावित हो सकते हैं, उन स्थानों पर जहां जी20 प्रमुख आएंगे या उनके मार्गों पर खालिस्तान के झंडे फहराने जैसी बर्बर गतिविधियों में शामिल होने की संभावना है।
दिल्ली पुलिस भी एसएफजे की योजनाओं को विफल करने के लिए पूरी दिल्ली में कड़ी निगरानी रख रही है।
--आईएएनएस
पीके/एसकेपी