नई दिल्ली, 7 नवंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भारत में अपने कर्मचारियों को बर्खास्त करने के लिए एलन मस्क द्वारा संचालित ट्विटर के फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि उन्हें बदलाव के लिए उचित समय दिया जाना चाहिए था। मस्क ने वैश्विक स्तर पर ट्विटर के लगभग आधे कर्मचारियों को निकाल दिया, जिसमें भारत में लगभग 150-180 कर्मचारी शामिल थे, जिसके बाद वैष्णव की प्रतिक्रिया आई।
वैष्णव ने कहा, जिस तरह से ट्विटर ने भारत में कर्मचारियों को बर्खास्त किया है, हम उसकी निंदा करते हैं। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को बदलाव के लिए उचित समय देना चाहिए था।
भारत में छंटनी सेल्स से लेकर मार्केटिंग तक, कंटेंट क्यूरेशन से लेकर कॉरपोरेट कम्युनिकेशंस तक सभी विभागों में की गई है।
पिछले हफ्ते भारत में ट्विटर के कर्मचारियों ने अपने आधिकारिक ईमेल और आंतरिक स्लैक और ग्रुप चैट तक पहुंच खो दी।
जो लोग अभी भी ट्विटर इंडिया के साथ हैं, वे अगले दौर में अपनी नौकरी खोने के बारे में लगातार डर में जी रहे हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि मस्क के इरादों को ध्यान में रखते हुए ऐसा जल्द ही होगा।
मस्क ने कहा कि ट्विटर के आधे कर्मचारियों को बेरहमी से बर्खास्त करने के अलावा कोई विकल्प नहीं था क्योंकि कंपनी को प्रतिदिन 40 लाख डॉलर से अधिक का नुकसान हो रहा था।
उन्होंने कहा, बाहर निकलने वाले सभी लोगों को 3 महीने के विच्छेद की पेशकश की गई, जो कानूनी रूप से आवश्यकता से 50 प्रतिशत अधिक है।
उन्होंने यह भी कहा कि ट्विटर ने राजस्व में भारी गिरावट देखी है क्योंकि कार्यकर्ता समूह अपने विज्ञापनदाताओं पर अनुचित दबाव डाल रहे हैं।
--आईएएनएस
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