iGrain India - पेरिस । यूरोपीय संघ में उच्च क्वालिटी के गेहूं का भाव सामान्य श्रेणी की तुलना में बढ़ता जा रहा है जिससे दोनों ग्रेड के बीच मूल्यान्तर बढ़ गया है। वहां अमरीका एवं कनाडा के वसंतकालीन गेहूं की मांग मजबूत रहने की उम्मीद है।
हालांकि प्रतिकूल मौसम के कारण उत्तरी अमरीका महाद्वीप में भी गेहूं का उत्पादन पूर्व अनुमान से कम होने की संभावना है लेकिन फिर भी वहां इसका पर्याप्त निर्यात योग्य स्टॉक उपलब्ध रह सकता है।
यूरोपीय संघ में इस बार अच्छी क्वालिटी के गेहूं का कम उत्पादन हुआ है इसलिए उसे इसका आयात बढ़ाने की आवश्यकता पड़ेगी। चूंकि वहां रूस से गेहूं का आयात नहीं होता है और यूक्रेन को इसके शिपमेंट में भारी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है इसलिए इटली, स्पेन एवं बेल्जियम सहित कुछ अन्य देशों को अमरीका तथा कनाडा से आयातित गेहूं पर निर्भर रहना पड़ेगा। ऑस्ट्रेलिया में गेहूं का उत्पादन इस बार कम होने का अनुमान है जबकि अर्जेन्टीना में सूखे का संकट अभी समाप्त नहीं हुआ है।
समझा जाता है कि कनाडा के पश्चिमी भाग में उत्पादित बसंतकालीन लाल गेहूं में प्रोटीन का अंश 13, 14 या 15 प्रतिशत तक पहुंच जाता है। इस उच्च क्वालिटी वाले गेहूं की वैश्विक मांग काफी मजबूत रहने की उम्मीद है।
आमतौर पर 11.5-12.00 प्रतिशत प्रोटीन के अंश वाले गेहूं का आयात मिस्र, तुर्की, इंडोनिशया, वियतनाम एवं थाईलैंड सहित अन्य अधिकांश देशों द्वारा किया जाता है जबकि यूरोपीय संघ के सदस्य देशों तथा जापान आदि में उच्च क्वालिटी का गेहूं मंगाया जाता है जिसका भाव ऊंचा रहता है।
अफ्रीकी देश सामान्य क्वालिटी का गेहूं अधिक मंगाते हैं इसलिए वहां रूस- यूक्रेन का गेहूं ज्यादा पसंद किया जाता है। चूंकि चावल का भाव बहुत ज्यादा बढ़ गया है इसलिए गेहूं की खपत बढ़ने की संभावना है क्योंकि इसके दाम में अपेक्षाकृत कम बढ़ोत्तरी हुई है और इसके स्टॉक की पोजीशन भी बेहतर है।