टोरंटो, 24 नवंबर (आईएएनएस)। कनाडा में बाहर से आने वाले छात्रों का कहना है कि देश को प्रति सप्ताह 20 घंटे के कार्य नियम को स्थायी रूप से हटा देना चाहिए। कनाडा की सरकार ने 15 नवंबर, 2022 से 31 दिसंबर, 2023 तक सीमा को अस्थायी रूप से हटाने की घोषणा की थी, लेकिन ये नियम अब फिर से वापस आ रहा है। नियोक्ताओं को कोविड के बाद आर्थिक सुधार के लिए लोग ढूंढने में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा था।
सीबीसी न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, छात्रों के अनुसार, जिनमें से कई भारत से हैं, देश में बढ़ती लागत के बीच अधिक घंटे काम करने से उन्हें स्थिरता मिलती है।
सस्केचेवान विश्वविद्यालय के 20 वर्षीय भारतीय छात्र क्रुणाल चावड़ा ने कहा कि उसने लगभग 40,000 डॉलर का एडुकेशन लोन लिया था, जिसमें से उसने बाहर काम कर 10,000 डॉलर का भुगतान भी कर दिया है।
चावड़ा ने कनाडाई समाचार आउटलेट को बताया, "पिछला साल काफी अच्छा रहा क्योंकि मैं सप्ताह में 40 घंटे काम कर सका और अपनी ट्यूशन फीस का भुगतान भी कर दिया।"
पिछले नियम के वापस आने के साथ, चावड़ा अपने फाइनेंस को लेकर चिंतित हैं। मुद्रास्फीति के कारण उनका किराना बजट 100 डॉलर से बढ़कर 300 डॉलर प्रति माह हो गया है।
अधिकांश पोस्ट-माध्यमिक अंतर्राष्ट्रीय छात्रों को परिसर में या बाहर काम करने की अनुमति दी जाती है, काम करने का उनका अधिकार उनके अध्ययन परमिट पर होता है।
इससे पहले कनाडा में पोस्ट-सेकेंडरी अंतर्राष्ट्रीय छात्रों में से लगभग आधे ने अपनी पढ़ाई के दौरान आय अर्जित करने की सूचना दी थी।
छात्र ने कहा, "मैंने खुद को ऐसी स्थितियों में पाया है जहां मैं कहता था, 'ठीक है, क्या मुझे इसे खरीदना चाहिए या नहीं?' यह मूलतः आवश्यकताओं पर निर्भर करता है न कि चाहतों पर।”
चावड़ा के सहपाठी मेघल ने कहा, "यहां काफी अनिश्चितता है। हम एकदम किनारे पर खड़े हैं... इसे बनाए रखना बहुत कठिन होता जा रहा है।"
हाल ही में जारी फ़ूड बैंक्स कनाडा की रिपोर्ट के अनुसार, छात्रों की ओर से यह मांग तब आई है जब कनाडा जीवन यापन की गंभीर लागत और आवास संकट से जूझ रहा है और लगभग 70 लाख लोग भोजन के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, कई अंतर्राष्ट्रीय छात्रों को बिस्तर और सिंगल रूम साझा करने पड़ते हैं, और कुछ को बेघर होना पड़ता है या पुलों के नीचे सोना पड़ता है।
आव्रजन विभाग ने सीबीसी को एक ईमेल बयान में कहा कि वह नीति के प्रभाव का आकलन कर रहा है, और अगर मौजूदा योजना में कोई बदलाव होता है तो वह जनता को बताएगा।
आव्रजन मंत्री मार्क मिलर के अनुसार, कनाडा ने पिछले साल 800,000 से अधिक अंतर्राष्ट्रीय छात्रों को वीजा दिया, और 2023 में 900,000 अंतर्राष्ट्रीय छात्र अब तक आए हैं।
प्रत्येक 10 विदेशी छात्रों में से यहां लगभग चार भारतीय छात्र हैं।
--आईएएनएस
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