इस्लामाबाद, 13 फरवरी (आईएएनएस)। इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) ने बलूच छात्रों के लापता होने के मामले में सोमवार को पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री को तलब किया।एआरवाई न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, न्यायमूर्ति मोहसिन अख्तर कयानी ने एक सुनवाई के दौरान कहा कि जबरन गायब करने में शामिल पाए जाने वालों को दोगुनी मौत की सजा दी जानी चाहिए।
न्यायमूर्ति कयानी ने कहा, "कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवर उल हक काकर को सोमवार को व्यक्तिगत रूप से अदालत में पेश होना चाहिए और पीठ को बताना चाहिए कि उनके खिलाफ मामला क्यों दर्ज नहीं किया जाना चाहिए।"
सुनवाई स्थगित करने की मांग करने वाली सहायक अटॉर्नी जनरल (एएजी) की याचिका पर न्यायमूर्ति कयानी ने कहा, "मैं उदारता दिखा रहा हूं कि दोनों डीजी को तलब नहीं किया जा रहा है।"
एएजी उस्मान घुम्मन ने पहले अदालत को बताया कि 12 लापता छात्रों में से एक को भी ढूंढ लिया गया है। एआरवाई न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा कि अटॉर्नी जनरल मंगलवार को उपलब्ध नहीं थे और मामले को स्थगित करने की मांग कर रहे थे।
हालांकि, अदालत ने राज्य के वकील के अनुरोध को खारिज कर दिया।
आईएचसी ने पिछली सुनवाई में लापता बलूच छात्रों की बरामदगी के लिए संघीय सरकार को 13 फरवरी की समय सीमा दी थी।
एआरवाई न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, अदालत ने एक लिखित आदेश में सभी लापता बलूच व्यक्तियों के उनके घर पहुंचने के संबंध में अंतिम रिपोर्ट भी तलब की थी।
अदालत ने अपने आदेश में कहा, “अदालत फिलहाल प्रधानमंत्री, आंतरिक या रक्षा सचिवों और सुरक्षा संस्थानों से शपथ पर बयान की मांग नहीं कर रही है। यदि लापता व्यक्तियों को बरामद नहीं किया गया, तो शपथ पर बयान मांगे जाएंगे और कानूनी कार्यवाही शुरू की जाएगी।”
अटॉर्नी जनरल ने लापता बलूच छात्रों की एक सूची सौंपी। एआरवाई न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, अदालत को सूचित किया गया कि 12 लापता बलूच छात्रों के मामले अब तक अनसुलझे हैं।
--आईएएनएस
एसजीके/