बीजिंग, 4 जून (आईएएनएस)। विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून को है। मानव का गृहस्थल पृथ्वी मानव निर्मिति विभिन्न पर्यावरण संकटों का सामना कर रहा है। सिर्फ पर्यावरण संरक्षण से ही हमारे होमटाउन की सुरक्षा की जा सकती है। यह समग्र मानवता के लिए आवश्यक है। चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने हरित विकास की अवधारणा प्रस्तुत की, जो उनके आर्थिक विचार और सांस्कृतिक विचार का केंद्रीय विषय है और नये युग में चीन में नये विकास के ढांचे का सैद्धांतिक आधार है। प्राचीन समय से चीनी लोग पृथ्वी और मानवता के एकीकरण पर विश्वास करते आए हैं।
शी चिनफिंग ने प्रकृति के सम्मान के फिलॉसफी और वर्तमान चीनी वास्तविकता को जोड़कर 'शी चिनफिंग पारिस्थितिकी सभ्यता' विचार रचा, जिसका केंद्र मानव और प्रकृति का सह अस्तित्व है। प्रकृति का नुकसान अंत में मानवता के लिए नुकसान साबित होगा। उनके विचार का सार तो हरित विकास है। मानवता और प्रकृति का सामंजस्यपूर्ण सहअस्तित्व पूरा करने के लिए शी चिनफिंग ने दो विचार दिए। पहला, स्वच्छ पानी और नीला पहाड़ अनमोल संपत्ति है, इसका अर्थ है कि पर्यावरण संरक्षण की पूर्वशर्त में आर्थिक विकास करना। दूसरा, समग्र व्यवस्था का विचार है।
शी के विचार में पहाड़, जल, वन, खेत व झील मानवता की मौजूदगी व विकास का भौतिक आधार हैं। इसका हरेक अंक अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसी कारण चीन हरित, निम्न कार्बन व चक्रीय विकास की आर्थिक व्यवस्था की स्थापना की कोशिश करता है।
यूएनडीपी के महानिदेशक अचिम स्टेनर ने कहा था कि हमें निम्न कार्बन समावेश का हरित विकास चाहिए। चीन ने इस क्षेत्र में न सिर्फ अपने लिए बल्कि विश्व को एक मौका प्रदान किया है।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
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