वाशिंगटन, 14 जुलाई (आईएएनएस)। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को एक चुनावी रैली में गोली मारी गई है। अगले ही दिन रिपब्लिकन पार्टी औपचारिक रूप से उन्हें व्हाइट हाउस के लिए अपना उम्मीदवार घोषित करने वाली थी। उससे ठीक एक दिन पहले उन पर हत्या का प्रयास किया गया।गोली लगने के बाद ट्रंप ने अपने चेहरे के दाहिने हिस्से को टच किया और फिर जमीन पर गिर पड़े।
सीक्रेट सर्विस के एजेंटों ने उन्हें बचाने के लिए खुद को उन पर झोंक दिया। जब वे उठे, तो एजेंट उन्हें अंदर ले गए।
पूर्व राष्ट्रपति के चेहरे के दाहिने हिस्से से खून बहता हुआ दिखाई दिया। अंदर जाते समय उन्होंने हवा में मुट्ठी उठाई। उन्हें इलाज के लिए स्थानीय हॉस्पिटल में ले जाया गया।
पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर एक पोस्ट में कहा, "मुझे एक गोली लगी जो मेरे दाहिने कान के ऊपरी हिस्से में लगी।"
"मुझे तुरंत पता चल गया कि कुछ गड़बड़ है। मैंने एक तेज़ आवाज़ सुनी, और फिर गोली चली। मैंने तुरंत महसूस किया कि गोली मेरी स्किन को चीरती हुई निकल रही है। बहुत ज़्यादा खून बह रहा था, फिर मुझे एहसास हुआ कि क्या हो रहा है।"
शूटर को गोली मार दी गई लेकिन उसकी अभी पहचान नहीं हुई है। स्थानीय अधिकारियों ने कहा कि वह रैली स्थल के बाहर एक इमारत में छिपा था।
रैली में आये लोगों में से एक व्यक्ति की मौत हो गई। एक अन्य व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया।
सीक्रेट सर्विस ने एक बयान में कहा: "13 जुलाई की शाम को लगभग 6:15 बजे, पेंसिलवेनिया के बटलर में पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप की रैली के दौरान एक संदिग्ध शूटर ने रैली स्थल के बाहर एक ऊंचे स्थान से मंच की ओर कई गोलियां चलाईं। यूएस सीक्रेट सर्विस के कर्मियों ने शूटर को मार गिराया, जो अब मर चुका है। यूएस सीक्रेट सर्विस ने तुरंत सुरक्षा के उपाय किए और पूर्व राष्ट्रपति सुरक्षित हैं और उनकी जांच की जा रही है। एक व्यक्ति की मौत हो गई, और दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना की अभी जांच चल रही है और सीक्रेट सर्विस ने औपचारिक रूप से संघीय जांच ब्यूरो को सूचित कर दिया है।"
राष्ट्रपति जो बाइडेन ने राष्ट्र के नाम अपने संदेश में कहा कि उन्होंने ट्रंप से बात करने की कोशिश की। पहली बार बाइडेन ने ट्रंप को "डोनाल्ड" कहकर संबोधित किया।
उन्होंने कहा, "मैं जल्द ही उनसे बात करने की कोशिश करूंगा।" उन्होंने आगे कहा, "अमेरिका में इस तरह की हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है। यह बहुत ही भयानक है। रैली बिना किसी समस्या के शांतिपूर्ण तरीके से आयोजित की जानी चाहिए थी।"
--आईएएनएस
एसकेपी/