बीजिंग, 6 अगस्त (आईएएनएस)। चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने हाल ही में चीन की सांस्कृतिक और प्राकृतिक विरासतों के संरक्षण को मजबूत करने पर एक महत्वपूर्ण निर्देश दिया। इसमें कहा गया कि पेइचिंग की केंद्रीय धुरी (एक्सिस) चीन की आदर्श राजधानी की व्यवस्था का श्रेष्ठ प्रतिबिंब, चीन के पीले सागर तथा पोहाई खाड़ी के तट पर प्रवासी पक्षियों के बसेरे (दूसरे चरण) और बादान जरन रेगिस्तान, रेगिस्तानी पहाड़ तथा झील जो सफलतापूर्वक विश्व विरासतों की सूची में शामिल कराये गये, वह भौतिक सभ्यता व आध्यात्मिक सभ्यता का समन्वय और प्रकृति व मानव का सौहार्द सहअस्तित्व होने वाले चीनी आधुनिकीकरण के निर्माण के लिए बड़ा महत्व रखता है, जिसने विश्व सभ्यता में नये रंग भर दिये हैं।
शी ने बल दिया कि हमें इस बार विश्व विरासत के सफल आवेदन का लाभ उठाकर सांस्कृतिक और प्राकृतिक विरासतों की समग्र व व्यवस्थित सुरक्षा को और मजबूत करना चाहिए। हमें सांस्कृतिक व प्राकृतिक विरासतों के रखरखाव व उपयोग को निरंतर आगे बढ़ाना चाहिए ताकि नये युग में बेहतर जीवन के प्रति जनता की मांग बेहतरी से पूरी की जाए। इसके साथ हमें इस संदर्भ में अंतरराष्ट्रीय सहयोग कर ठोस कदमों से वैश्विक सभ्यता पहल के कार्यांवयन और मानवता के साझे भविष्य वाले समुदाय के निर्माण के लिए अधिक बड़ा योगदान देने की ज़रूरत है।
ध्यान रहे हाल ही में नई दिल्ली में आयोजित यूनेस्को की 46वीं विश्व विरासत महासभा पर चीन की उपरोक्त तीन परियोजनाएं मतदान से विश्व विरासतों की सूची में शामिल कराई गईं। इस तरह चीन में विश्व विरासतों की कुल संख्या 46 हो गयी है, जो विश्व में सबसे ऊपर है।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
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