न्यूयॉर्क, 3 नवंबर (आईएएनएस)। अमेरिकी चुनाव के अंतिम चरण में डेमोक्रेट कमला हैरिस ने चंदे की दौड़ में रिपब्लिकन डोनाल्ड ट्रंप को पीछे छोड़ दिया है। हैरिस की कैंपेन कमेटी ने जनवरी से 16 अक्टूबर तक 997.2 मिलियन डॉलर जुटाए, जबकि ट्रंप की कैंपेन कमेटी केवल 388 मिलियन डॉलर ही जुटा पाई। सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या चंदे के मोर्चे पर हैरिस को मिली बढ़त वोटों में तब्दील होगी। संघीय चुनाव आयोग में दोनों समितियों की ओर से चंदे की राशि की जानकारी दाखिल की गई। इनमें पार्टियों से जुड़े ग्रुप्स या पॉलिटिकल एक्शन कमेटी द्वारा जुटाई गई रकम शामिल नहीं है। यह रकम चुनावी अभियानों पर खर्च की जा सकती हैं, बशर्ते कि उनका उम्मीदवारों से कोई सीधा संबंध न हो।
16 अक्टूबर तक, हैरिस कैंपेन के पास अंतिम चरण के लिए 118 मिलियन डॉलर नकदी थी, और ट्रंप कैंपेन पास 36.2 मिलियन डॉलर थे।
दोनों उम्मीदवारों को मिले चंदे में 609.2 मिलियन डॉलर का अंतर है। चंदे का यह अंतर हैरिस के लिए एक बड़ा फायदा है। उनके कैंपेन और समर्थकों ने पार्टी से जुड़े गुप्स की मदद से रिपब्लिकन डोनाल्ड ट्रंप और उनके सपोर्टर की तुलना में 644 मिलियन डॉलर अधिक खर्च किए।
एनपीआर विश्लेषण के अनुसार मार्च से अब तक डेमोक्रेट्स से जुड़े समूहों ने 1.6 बिलियन डॉलर खर्च किए हैं। बता दें 21 जुलाई को जो बाइडेन चुनावी दौड़ से हट गए और कमला हैरिस डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार बनीं।
वहीं ट्रंप अभियान और उनका समर्थन करने वाले समूहों ने इस दौरान केवल 956 मिलियन डॉलर ही खर्च किए हैं।
खर्च में बड़े अंतर के बावजूद, ओपिनियन पोल में ट्रंप को मामूली बढ़त मिलती दिख रही है।
चुनावी अभियान में, अधिकांश खर्च सात स्विंग स्टेट्स में किया गया है, जहां किसी भी पार्टी के पास बहुमत नहीं है और परिणाम किसी भी तरफ जा सकते हैं।
--आईएएनएस
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