नई दिल्ली, 9 नवंबर (आईएएनएस)। भारत में रह रहीं मशहूर बांग्लादेशी लेखिका तसलीमा नसरीन ने चटगांव के एक चरमपंथी समूह की तस्वीर साझा कर दावा किया है कि ये लोग मिलकर इस्कॉन को निशाना बनाने की साजिश कर रहे हैं।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर 'लज्जा' की लेखिका नसरीन ने लंबा चौड़ा पोस्ट साझा किया। इसमें लिखा, चटगांव स्थित समूह हिफाज़त-ए-इस्लाम ने इस्कॉन पर प्रतिबंध लगाने की अपील की है। आज उनका नारा था: "एक इस्कॉन को पकड़ो, फिर कत्ल करो।" हिफाज़त-ए-इस्लाम ने आतंकवाद का आह्वान किया है।
वे इस्कॉन के सदस्यों को मारना चाहते हैं। क्या इस्कॉन एक आतंकवादी संगठन है कि इसे प्रतिबंधित किया जाना चाहिए? क्या इस्कॉन के सदस्यों ने कभी "हरे कृष्ण, हरे राम" का नारा लगाते हुए किसी की हत्या की है?
दूसरी ओर, इस्लामी आतंकवादी लोगों को मारते समय नारे लगाते हैं। इस्कॉन दुनिया भर के कई देशों में मौजूद है, और कहीं भी इसे इस तरह की समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता है, लेकिन बांग्लादेश में ऐसा होता है। ऐसा क्यों है? क्योंकि इस देश में बड़ी संख्या में इस्लामवादी और जिहादी हैं जो दूसरे धर्मों के लोगों को बर्दाश्त नहीं करते हैं।
वे गैर-मुसलमानों को नुकसान पहुंचाने या उन्हें उनकी जमीन से भगाने के लिए हर तरह की चाल और हथकंडे अपनाते हैं। हिफाज़त-ए-इस्लाम यहां आतंकवादियों की भूमिका निभा रहा है, जबकि इस्कॉन सताए गए अल्पसंख्यक हैं।
तसलीमा हिंदुओं के साथ हो रही ज्यादती को लेकर काफी मुखर हैं। एक दिन पहले भी उन्होंने इसे लेकर एक्स पर एक पोस्ट लिखा था। इसमें उन्होंने वो वजह बताने की कोशिश की थी जिसकी वजह से हिंदू अल्पसंख्यकों को टारगेट किया जा रहा है।
उन्होंने कहा, चटगांव के हजारी लेन में सेना और पुलिस की तरफ से संयुक्त रूप से हिंदुओं पर अत्याचार करने के पीछे असली वजह क्या है? क्या इसलिए कि उस्मान मोल्लाह नामक व्यक्ति ने फेसबुक (NASDAQ:META) पर इस्कॉन के खिलाफ कुछ पोस्ट किया और कुछ हिंदुओं ने उस्मान मोल्लाह की दुकान पर विरोध प्रदर्शन किया? उन्होंने आगे कहा कि क्या इसलिए कि हिंदुओं ने अपना भगवा झंडा बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज से थोड़ा ऊपर लटका दिया था? या इसलिए कि बड़ी संख्या में हिंदू हिंदुओं की सुरक्षा की मांग करते हुए सड़कों पर उतर आए?
तसलीमा ने लिखा, मुझे लगता है कि असली वजह यह है कि सड़कों पर लाखों हिंदुओं को देखकर गठबंधन सरकार थोड़ी घबरा गई है।
--आईएएनएस
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