अंकारा, 29 जून (आईएएनएस)। तुर्की ने स्वीडन में मुस्लिम पवित्र ग्रंथ कुरान को जलाने की घटना की निंदा करते हुए इसे 'जघन्य कृत्य' बताया है।
देश के विदेश मंत्री हाकन फ़िदान ने ट्वीट करते हुए कहा, "मैं ईद अल-अधा के पहले दिन स्वीडन में पवित्र पुस्तक कुरान के खिलाफ घृणित कार्रवाई की निंदा करता हूं।
"अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के बहाने इस्लाम विरोधी कार्यों की अनुमति देना अस्वीकार्य है। ऐसे जघन्य कृत्यों पर आंखें मूंद लेना उनमें सहभागी होना है।"
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इराकी मूल के सलवान मोमिका नाम के एक व्यक्ति ने बुधवार को स्टॉकहोम मस्जिद के सामने पुलिस सुरक्षा के तहत कुरान जला दिया।
रिपोर्ट के मुताबिक मोमिका ने मेडबर्गरप्लात्सेन स्क्वायर में स्टॉकहोम मस्जिद के सामने कुरान को जमीन पर फेंक दिया, उस पर कदम रखा, इस्लाम के खिलाफ अपमानजनक शब्द कहे और आसपास के लोगों की प्रतिक्रिया के बावजूद आग लगा दी।
यह घटना ऐसे समय में सामने आई है, जब स्वीडन अभी भी नाटो में शामिल होने के लिए तुर्की का समर्थन मांग रहा है।
स्वीडन पर अंकारा विरोधी समूहों का समर्थन करने का आरोप लगाने वाली तुर्की सरकार ने उसके दावे पर रोक लगा रखी है।
नॉर्डिक देश ने आतंकवाद के खिलाफ तुर्की की लड़ाई का समर्थन करने का वादा किया है और संदिग्ध आतंकवादियाें के लंबित निर्वासन या प्रत्यर्पण अनुरोधों काे निपटाने पर सहमति व्यक्त की है।
लेकिन तुर्की संसद ने अभी तक स्वीडन की नाटो की सदस्यता की पुष्टि नहीं की है।
इस घटना की निंदा करते हुए, तुर्की सरकार के कम्यूनिकेशंंस के निदेशक फहार्टिन अल्टुन ने एक ट्वीट में कहा: “हम इस्लामोफोबिया को बढ़ावा देने और विशेष रूप से स्वीडन में यूरोपीय अधिकारियों की ओर से हमारे धर्म के प्रति घृणा की लगातार घटनाओं से परेशान हो गए हैं।
अल्टुन नेे कहा, "जो लोग नाटो में हमारे सहयोगी बनना चाहते हैं, वे इस्लामोफोबिक और ज़ेनोफोबिक आतंकवादियों के विनाशकारी व्यवहार को बर्दाश्त या सक्षम नहीं कर सकते।"
इस साल की शुरुआत में, स्टॉकहोम में तुर्की दूतावास के बाहर एक रैली के बाद तुर्की-स्वीडिश संबंधों को एक बड़ा झटका लगा। इस दौरान एक आव्रजन विरोधी राजनेता ने कुरान की एक प्रति को आग लगा दी।
इस घटना से तुर्की की राजधानी अंकारा में गुस्सा फैल गया, जहां प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए और स्वीडिश दूतावास के बाहर स्वीडिश झंडा जला दिया।
--आईएएनएस
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