लंदन, 29 जून (आईएएनएस)। चीन में पवन और सौर ऊर्जा तेजी से बढ़ रही है। यह उम्मीद से कहीं अधिक तेजी से वैश्विक कार्बन उत्सर्जन को सीमित करने में मदद कर सकती है। एक अध्ययन से यह खुलासा हुआ है। बीबीसी ने ग्लोबल एनर्जी मॉनिटर (जीईएम) द्वारा किए गए अध्ययन का हवाला देते हुए कहा कि अकेले सोलर पैनल इतनी तेज गति से बढ़ रहे हैं कि 2025 तक इसकी वैश्विक क्षमता 85 प्रतिशत बढ़ जाएगी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन का हरित ऊर्जा लक्ष्य निर्धारित समय 2030 से पांच साल पहले ही पूरा हो जाएगा।
लेकिन कोयला प्लांट भी बढ़ रहे हैं, नए पवन और सोलर फार्मों के लिए बैकअप के रूप में।
चीन को अक्सर जलवायु परिवर्तन के मूल कारण -- कार्बन उत्सर्जन पर लगाम लगाने के दुनिया के प्रयासों की कुंजी के रूप में देखा जाता है।
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, लेकिन इस नए अध्ययन से पता चलता है कि चीन तेजी से पवन और सौर ऊर्जा से बिजली पैदा करने की क्षमता का निर्माण कर रहा है।
यह रिपोर्ट चीन की वर्तमान हरित ऊर्जा क्षमता पर नज़र डालती है, लेकिन अगले दो वर्षों में क्या घोषणा की जाएगी और क्या निर्माण किया जाएगा, इस पर भी अनुमान लगाया गया है।
इसमें पाया गया है कि फिलहाल चीन के बड़े प्रोजेक्ट में बाकी दुनिया की तुलना में अधिक सोलर पैनल स्थापित हैं। पवन ऊर्जा पर चीन ने 2017 से अपनी क्षमता दोगुनी कर दी है।
लेकिन ये अभी सिर्फ शुरुआत ही लगती है।
जीईएम के अनुसार, चीन इस क्षेत्र में तेजी से विस्तार कर रहा है और 2025 के अंत तक पवन और सौर ऊर्जा के लिए अपनी क्षमता को दोगुना से अधिक कर देगा।
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, इससे चीन वैश्विक पवन टरबाइन बेड़े में 50 प्रतिशत की वृद्धि करेगा, और दुनिया के बड़े पैमाने पर सौर प्रतिष्ठानों में मौजूदा स्तर की तुलना में 85 प्रतिशत की वृद्धि होगी।
--आईएएनएस
एसकेपी