इस्लामाबाद, 29 जून (आईएएनएस)। पाकिस्तान ने भारत के साथ अपने गहरे रक्षा सहयोग पर अमेरिका को अपनी कड़ी आपत्ति जताई है और इसे देश के सुरक्षा हितों के लिए सीधा खतरा माना है।
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि अमेरिका को राजनयिक चैनलों के माध्यम से सूचित किया गया था कि पाकिस्तान की वैध चिंताओं को ध्यान में रखे बिना भारत को उन्नत सैन्य हथियारों का हस्तांतरण दक्षिण एशियाई क्षेत्र में रणनीतिक स्थिरता और पारंपरिक संतुलन को कमजोर कर देगा।
घटनाक्रम से परिचित सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान ने अमेरिका से कहा कि भारत प्रौद्योगिकियों के अधिग्रहण से उत्साहित महसूस करेगा, इससे देश के राष्ट्रीय सुरक्षा हित खतरे में पड़ जाएंगे।
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, इस्लामाबाद ने वाशिंगटन को स्पष्ट कर दिया कि भारत और अमेरिका के बीच ऐसा सहयोग जो उसके हितों को नुकसान पहुंचाता है, पाकिस्तान के पास जवाबी कदम उठाने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं बचेगा।
जनरल इलेक्ट्रिक और भारत की सरकारी स्वामित्व वाली हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड देश के स्वदेशी हल्के लड़ाकू विमानों के लिए उन्नत लड़ाकू जेट इंजन भारत में बनाएंगी।
अमेरिका युद्ध-परीक्षणित सशस्त्र ड्रोन के उत्पादन के लिए भारत में एक इकाई स्थापित करने पर भी सहमत हुआ। दशकों तक, रूस 65 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ भारत को हथियारों का प्रमुख आपूर्तिकर्ता बना रहा।
इससे संकेत मिलता है कि अमेरिका न केवल भारत को हथियार बेचने का इच्छुक है, बल्कि प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के विचार के खिलाफ भी नहीं है, जिसने पहले ही पाकिस्तान में खतरे की घंटी बजा दी है।
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी हथियारों की बिक्री और भारत में प्रौद्योगिकियों के हस्तांतरण का उद्देश्य चीन हो सकता है, लेकिन यह निश्चित रूप से दक्षिण एशिया में सैन्य संतुलन को बिगाड़ देगा।
--आईएएनएस
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