इस्लामाबाद, 30 सितंबर (आईएएनएस)। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान वर्तमान में जेल में बंद हैं। उनकी राजनीतिक पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) इमरान खान की गैरमौजूदगी में चुनौतियों से घिरी हुई है। सैन्य प्रतिष्ठान और देश ने 9 मई के दंगों व बर्बरता में शामिल किसी को भी नहीं बख्शने का फैसला किया है। कट्टर समर्थकों के साथ पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने अपने नेता और पूरे पीटीआई के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई देखी है।
इमरान खान को 9 मई को इस्लामाबाद हाईकोर्ट के बाहर से गिरफ्तार किया गया। इसके बाद पीटीआई समर्थक और कार्यकर्ता भारी संख्या में सड़कों पर उतर आए।
इमरान खान की गिरफ्तारी से गुस्साए पीटीआई समर्थकों और नेताओं के गुस्से के परिणामस्वरूप दंगे और बर्बरता की घटनाएं हुईं। भीड़ ने जीएचक्यू (जनरल मुख्यालय) रावलपिंडी, लाहौर में कोर कमांडर के निवास और प्रमुख शहरों में अन्य सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमले किए।
यह तब हुआ था जब सैन्य नेतृत्व ने तत्कालीन सरकार में इमरान खान के राजनीतिक कट्टर प्रतिद्वंद्वियों के साथ मिलकर पीटीआई के खिलाफ एक विनाशकारी अभियान शुरू किया था, जिसमें हजारों पार्टी कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया था।
अधिकारियों द्वारा व्यापक कार्रवाई के कारण पीटीआई के अधिकांश नेताओं ने पार्टी को छोड़ दिया। नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की और पार्टी छोड़ने के लिए दंगों की निंदा की और खुद को राजनीति से दूर करने का फैसला लिया।
जबकि इमरान खान कुछ समय के लिए जमानत पर बाहर थे, उनकी कानूनी चुनौतियों ने और अधिक गति पकड़ ली और तोशखाना भ्रष्टाचार मामले में इस्लामाबाद की एक ट्रायल कोर्ट द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद उन्हें लाहौर में उनके आवास से फिर से गिरफ्तार कर लिया गया।
पूर्व प्रधानमंत्री पर पाकिस्तान के चुनाव आयोग (ईसीपी) ने आरोप लगाया था कि उन्होंने कार्यालय में अपने 2018-2022 के समय का दुरुपयोग अवैध रूप से देश के कब्जे में मौजूद उपहारों को खरीदने और बेचने के लिए किया था, जो उनकी विदेश यात्राओं के दौरान प्राप्त हुए थे। जिनकी कीमत 140 मिलियन पाकिस्तानी रुपये (पीकेआर) से अधिक थी।
तब से इमरान खान सलाखों के पीछे है। वह शुरू में अटक जेल में और अब रावलपिंडी की अदियाला जेल में हैं। देश के सबसे लोकप्रिय राजनेता माने जाने वाले इमरान खान को एक व्यक्ति की शक्ति के रूप में स्वीकार किया गया था।
इमरान खान और पीटीआई के शीर्ष नेताओं के इस समय जेल में होने के कारण, पार्टी के पास सार्वजनिक रूप से या यहां तक कि टेलीविजन स्क्रीन पर अपने नैरेटिव का प्रतिनिधित्व करने के लिए लगभग कोई नहीं बचा है।
वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक अंसार अब्बासी ने कहा कि आप टेलीविजन बहसों में वकीलों को पीटीआई का प्रतिनिधित्व करते हुए देखते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि जनता के सामने अब इमरान खान की लीगल टीम के अलावा कोई नहीं बचा है।
पीटीआई समर्थकों को उनके खिलाफ सैन्य प्रतिष्ठान और राज्य की प्रतिक्रिया देखकर आघात पहुंचा है, जिसके बारे में उन्होंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था।
अब वे सभी छुपे हुए हैं या गिरफ्तार कर लिए गए हैं, या गिरफ्तार किए जाएंगे।
पार्टी की सबसे खराब स्थिति के बावजूद, इमरान खान देश में सबसे लोकप्रिय नेता बने हुए हैं और नवाज शरीफ और आसिफ अली जरदारी जैसे दिग्गजों से आगे हैं।
एक सर्वे के अनुसार, इमरान खान अभी भी देश की कम से कम 60 प्रतिशत आबादी के बीच लोकप्रिय हैं, जबकि सामान्य तौर पर राजनेताओं और संसद ने अपनी विश्वसनीयता खो दी है, जिन्हें जनता से 40 प्रतिशत से भी कम समर्थन प्राप्त हुआ है।
वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक जावेद सिद्दीकी ने कहा कि एक राजनीतिक दल को ऐसे नेता की जरूरत होती है जो आगे बढ़कर नेतृत्व करे। पीटीआई का चेहरा इमरान खान थे और हैं। अब वह जेल में हैं और शायद जल्द ही बाहर नहीं आएंगे, कम से कम अगले आम चुनाव से पहले तो नहीं।
शाह महमूद क़ुरैशी जैसे अन्य नेताओं और अन्य लोगों के भी सलाखों के पीछे होने के कारण, पीटीआई के पास कोई नेतृत्व नहीं है।
पीटीआई समर्थकों के बीच गिरफ्तारी का जो डर बना हुआ है, वह उनकी आवाज को दबा रहा है। जैसे-जैसे समय आगे बढ़ेगा, और अगर इमरान खान जनता के सामने नहीं आते हैं, तो ये आवाजें भी फीकी पड़ जाएंगी।
यह कहना गलत नहीं होगा कि खान पीटीआई में अपूरणीय हैं और जनता के बीच उनका समर्थन बरकरार है। इसका तात्पर्य यह भी है कि खान के बिना पीटीआई का कोई भविष्य नहीं है, जो भविष्य में इसके खत्म होने और देश की राजनीतिक दौड़ से बाहर होने के कारणों को प्रतिबिंबित कर सकता है।
--आईएएनएस
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