न्यूयॉर्क, 4 अक्टूबर (आईएएनएस)। डेलावेयर स्थित फार्मा कंपनी बायोटेक रिमेडीज और इसके भारतीय मूल के सीईओ चैतन्य गड्डे ने अपना राजस्व बनाये रखने के लिए मरीजों और चिकित्सकों को रिश्वत देने के एक मामले में सुलह के लिए दो करोड़ डॉलर का भुगतान करने पर सहमति व्यक्त की है। उन पर फॉल्स क्लेम्स एक्ट के तहत आरोप लगाये गये थे। सरकार ने आरोप लगाया कि, कम से कम अगस्त 2015 से मई 2020 तक, दवाओं और इनफ्यूजन सेवाओं की पेशकश करने वाली फार्मेसी ने नियमित रूप से मेडिकेयर और ट्राईकेयर रोगियों के फौरी नकद भुगतान को माफ कर दिया ताकि उन रोगियों को इसकी दवाओं और सेवाओं को खरीदने के लिए प्रेरित किया जा सके।
सोमवार को न्याय विभाग की एक विज्ञप्ति में कहा गया कि बायोटेक द्वारा दी जाने वाली कई विशेष दवाएं महंगी थीं और मरीजों को बड़ी रकम चुकानी पड़ती थी।
सरकार ने कहा कि कंपनी ने मरीजों को अपनी दवाओं और सेवाओं को खरीदने के लिए एक ऐसी योजना में शामिल किया जिसके तहत गद्दे नियमित रूप से इन बड़े फौरी नकद भुगतान को माफ करता था, बिना इस बात की परवाह किए कि मरीज वित्तीय कठिनाई का सामना कर रहे थे या नहीं।
जब एक मेडिकेयर लाभार्थी मेडिकेयर द्वारा कवर की गई एक प्रिस्क्रिप्शन दवा प्राप्त करता है, तो लाभार्थी को फौरी तौर पर आंशिक भुगतान करने की आवश्यकता हो सकती है।
अमेरिकी कांग्रेस ने स्वास्थ्य देखभाल लागत पर नियंत्रण के लिए मेडिकेयर कार्यक्रम में फौरी नकद भुगतान आवश्यकताओं को शामिल किया है।
यह भी आरोप लगाया गया कि बायोटेक रिमेडीज ने चिकित्सकों को मरीजों को बायोटेक में रेफर करने के लिए प्रेरित करने के लिए उपहार, रात्रिभोज और मुफ्त प्रशासनिक और नैदानिक सहायता सेवाओं के रूप में पारिश्रमिक प्रदान किया।
सरकार ने डॉ डेविड टैबी के नाम का उल्लेख किया जो पेंसिल्वेनिया में एक न्यूरोलॉजी केंद्र चलाते हैं। उन्होंने जानबूझकर कई मरीजों को बायोटेक में रेफर करने के बदले में पारिश्रमिक लेने की बात स्वीकार की।
विभाग की विज्ञप्ति में कहा गया है कि टैबी ने भुगतान करने की अपनी क्षमता के आधार पर, इन आरोपों को निपटाने के लिए अलग से 4,80,000 डॉलर का भुगतान किया है।
पेंसिल्वेनिया के पूर्वी जिले के लिए अमेरिकी अटॉर्नी जैकलिन सी. रोमेरो ने कहा, "बायोटेक रिमेडीज ने कथित तौर पर अनुचित चिकित्सक प्रलोभन प्रदान किए और फौरी नकद भुगतान को माफ करके रोगी रेफरल के लिए रिश्वत को छुपाया।"
रोमेरो ने कहा, "बायोटेक की कथित योजना में इस बात की परवाह नहीं की गई कि मरीज वित्तीय कठिनाई में था या नहीं। इसने बायोटेक के लिए एक स्थिर राजस्व प्रवाह सुनिश्चित किया और जिले के नागरिकों के लिए रोगी देखभाल के लिए उपलब्ध धन को कम कर दिया।''
संघीय एंटी-किकबैक क़ानून प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से किसी भी पारिश्रमिक की पेशकश, भुगतान, याचना या स्वीकार करने पर प्रतिबंध लगाता है - जिसमें पैसा या कोई अन्य मूल्यवान वस्तु शामिल है।
यह निषेध उन कंपनियों पर लागू होता है जो नियमित रूप से वित्तीय आवश्यकता के निर्धारण के बिना मेडिकेयर रोगियों की फौरी भुगतान आवश्यकता को माफ कर देती है।
एंटी-किकबैक क़ानून का विस्तार रोगी रेफरल के बदले चिकित्सकों को पारिश्रमिक के भुगतान तक भी है।
--आईएएनएस
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